In Pics: पर्यटकों के लिए खुल जाएगा छत्तीसगढ़ का उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व, देखें तस्वीरें
देश में सबसे शुद्ध नस्ल के वनभैंसे छत्तीसगढ़ में पाए जाते हैं, जो राज्य के राज्यकीय पशु है. ये वन भैंसे गरियाबंद जिले के उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में दिखते हैं. जिसे देखना पर्यटकों की लेकर काफी मुश्किल होता है. लेकिन अब उदंती टाईगर रिजर्व को बड़ी राहत मिलने जा रही है. क्योंकि पर्यटकों के लिए दरवाजा बहुत जल्द खुल जाएगा. जहां पर्यटकों को जंगल में घूमने के लिए जिप्सी और नौका विहार के साथ टूरिस्ट कॉटेज की सुविधा मिलने जा रही है. दरअसल छत्तीसगढ़ पर्यटकों का पसंदीदा राज्य बनता जा रहा है.
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View In Appसीतानदी टाईगर रिजर्व छत्तीसगढ़ - उड़ीसा बॉर्डर पर गरियाबंद जिले में है. जो छत्तीसगढ़ का सबसे पुराना अभ्यारण है. यह अब देश विदेश से आने वाले टूरिस्ट और वन्य प्रेमियों के लिए वन विभाग सुविधाओं का विस्तार करने जा रही है. केवल एक सप्ताह में सोढुंर जलाशय में वन विभाग के द्वारा चार मोटरबोट की व्यवस्था होगी. जिसमें टूरिस्ट नौका विहार कर सकते है. वहीं जलाशय के करीब लकड़ी और बांस से बने कॉटेज तैयार किया गया है.
इसके अलावा कैंटीन की व्यवस्थाएं होगी. जिसका संचालन वन प्रबंधन समिति मेचका, बेलरबाहरा, तुमडीबहार, बरपदर और सोंढूर द्वारा किया जाएगा. अभ्यारण्य क्षेत्र में सैर करने के लिए जिप्सी ने सैर कर पाएंगे. उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व 1842.54 वर्ग किलोमीटर तक फैला है. इस अभ्यारण में बड़ी संख्या में तेंदुआ, नीलगाय, बायसन,जंगली सुअर, सोन कुत्ते, हिरण, चौसिंगा, शाही, जंगली बिल्ली के साथ कई दुर्लभ वन्यजीव पाए जाते हैं.
इस अभ्यारण में 120 से भी ज्यादा प्रजाति की दुर्लभ पक्षियां है. वहीं इस राजकीय पशु वन भैसा संरक्षण संवर्धन केंद्र के अलावा प्रमुख पर्यटन स्थल में देवदरहा वाटरफॉल, गोढ़ेना वाटरफॉल, चौकसील धार्मिक पर्वत स्थल और कई मनमोहक वाटरफॉल है. जहां बहुत पुराने विश्राम गृह आज भी मौजूद है. जहां राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हस्तियां अक्सर पहुंचते है.
उदंती सीतानदी अभ्यारण के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था का काम पूरा हो जाएगा इसके बाद पर्यटकों के लिए अभ्यारण के दरवाजे खुल जाएंगे. पहली बार यहां सोंढुर जलाशय में नौका विहार का व्यवस्था की जा रही है. इस जगह पर प्राकृतिक खूबसूरती के लिहाजा लकड़ी और बांस के विश्राम गृह बनाए गए है. वरुण जैन ने बताया कि जंगल की सैर के लिए दो जिप्सी उपलब्ध रहेगी. इसके बाद आने वाले समय में पैरा ग्लाईडिंग जैसी सुविधाओं के लिए तैयारी की जा रही है.
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