एक्सप्लोरर

In Pics: छत्तीसगढ़ के इस जिले में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं बच्चे, दशकों से है समस्या, देखें तस्वीरें

जान जोखिम में डालकर, लबालब भरी बांध में ट्यूब के नाव की सवारी कर बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, लोगों का कहना है कि कई बार उनकी समस्या को उठाया गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.

जान जोखिम में डालकर, लबालब भरी बांध में ट्यूब के नाव की सवारी कर बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, लोगों का कहना है कि कई बार उनकी समस्या को उठाया गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.

जान जोखिम में डालकर, लबालब भरी बांध में ट्यूब के नाव की सवारी कर बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं,

1/11
शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है और संविधान के मुताबिक यह अधिकार हर किसी को मिला हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में बांध में पुल नहीं बनने की वजह से स्कूली बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे है.
शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है और संविधान के मुताबिक यह अधिकार हर किसी को मिला हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में बांध में पुल नहीं बनने की वजह से स्कूली बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे है.
2/11
वहीं जिन बच्चों में शिक्षा की ललक है वह जान जोखिम में डालकर ट्यूब से बने नाव में बैठकर बांध पार कर स्कूल जा रहे हैं और शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ग्रामीण पिछले दो दशक से विकास की बाट जोह रहे हैं, लेकिन अब तक इनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
वहीं जिन बच्चों में शिक्षा की ललक है वह जान जोखिम में डालकर ट्यूब से बने नाव में बैठकर बांध पार कर स्कूल जा रहे हैं और शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ग्रामीण पिछले दो दशक से विकास की बाट जोह रहे हैं, लेकिन अब तक इनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
3/11
दरअसल, सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से 20 किलोमीटर दूरी पर रेवापुर गांव स्थित है, इसके आश्रित गांव लवाईडीह के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर ट्यूब से बने नाव से बांध पार करते है, इसके बाद स्कूल तक पहुंचते है.
दरअसल, सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से 20 किलोमीटर दूरी पर रेवापुर गांव स्थित है, इसके आश्रित गांव लवाईडीह के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर ट्यूब से बने नाव से बांध पार करते है, इसके बाद स्कूल तक पहुंचते है.
4/11
बता दें कि इस गांव में 1991 में घुनघुट्टा बांध का निर्माण किया गया.उस दौरान 250 से ज्यादा परिवार विस्थापित हुए, जो कुछ कुछ की संख्या में बांध के दोनों तरफ जाकर बस गए.तब से इनकी दिनचर्या नई जगह पर चल रही है. लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया विस्थापित परिवारों की शिक्षा, रोजगार जैसी समस्याएं बढ़ने लगी.
बता दें कि इस गांव में 1991 में घुनघुट्टा बांध का निर्माण किया गया.उस दौरान 250 से ज्यादा परिवार विस्थापित हुए, जो कुछ कुछ की संख्या में बांध के दोनों तरफ जाकर बस गए.तब से इनकी दिनचर्या नई जगह पर चल रही है. लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया विस्थापित परिवारों की शिक्षा, रोजगार जैसी समस्याएं बढ़ने लगी.
5/11
विस्थापन के बाद ऐसी स्थिति हो गई कि लवाईडीह गांव के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए बांध के एक छोर से दूसरे छोर पर जाना पड़ रहा है. इसे बच्चों के साथ हर वक्त खतरा मंडराता रहता है.कभी कभी बांध पार करते समय दुर्घटनाएं भी हो जाती है और दुर्घटनाओं में कई जान भी चली जाती है.
विस्थापन के बाद ऐसी स्थिति हो गई कि लवाईडीह गांव के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए बांध के एक छोर से दूसरे छोर पर जाना पड़ रहा है. इसे बच्चों के साथ हर वक्त खतरा मंडराता रहता है.कभी कभी बांध पार करते समय दुर्घटनाएं भी हो जाती है और दुर्घटनाओं में कई जान भी चली जाती है.
6/11
छात्रा अंजली एक्का ने बताया कि स्कूल जाने के लिए बांध को पार करना पड़ता है. कभी कभी हवा, तूफान आता है तो स्कूल नहीं जा पाते हैं. पुल नहीं होने की वजह से छोटे छोटे बच्चे भी पढ़ने के लिए नहीं जा पाते. कुछ बच्चों ने स्कूल जाना भी छोड़ दिया है.
छात्रा अंजली एक्का ने बताया कि स्कूल जाने के लिए बांध को पार करना पड़ता है. कभी कभी हवा, तूफान आता है तो स्कूल नहीं जा पाते हैं. पुल नहीं होने की वजह से छोटे छोटे बच्चे भी पढ़ने के लिए नहीं जा पाते. कुछ बच्चों ने स्कूल जाना भी छोड़ दिया है.
7/11
ग्रामीण रामचंद्र एक्का ने बताया कि हमारे खेत बांध के उस पार है.छोटे छोटे बच्चों को पढ़ने जाने में दिक्कत होता है, अगर पुल बन जाता तो सुविधा होता.कई नेता आए और इस समस्या के समाधान के लिए आश्वासन देकर गए, लेकिन अब तक निराकरण नहीं हो सका है.
ग्रामीण रामचंद्र एक्का ने बताया कि हमारे खेत बांध के उस पार है.छोटे छोटे बच्चों को पढ़ने जाने में दिक्कत होता है, अगर पुल बन जाता तो सुविधा होता.कई नेता आए और इस समस्या के समाधान के लिए आश्वासन देकर गए, लेकिन अब तक निराकरण नहीं हो सका है.
8/11
पुल बन जाता तो हमारे बच्चे बांध के उस पार पढ़ने जाते.अभी जो बच्चे बड़े हैं वही ट्यूब के नाव से पढ़ने जाते है.
पुल बन जाता तो हमारे बच्चे बांध के उस पार पढ़ने जाते.अभी जो बच्चे बड़े हैं वही ट्यूब के नाव से पढ़ने जाते है.
9/11
इस संबंध में लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम ने बताया कि लवाईडीह में घुनघुट्टा परियोजना के बांध से पानी रुका हुआ रहता है. इससे गांव वालों को लवाईडीह और पोडिपा के बीच आने जाने में बहुत दिक्कत रहती है. हमने भेंट मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को इस समस्या से अवगत कराए है. इसके लिए ब्रिज कॉरपोरेशन को निर्देशित किया गया है.
इस संबंध में लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम ने बताया कि लवाईडीह में घुनघुट्टा परियोजना के बांध से पानी रुका हुआ रहता है. इससे गांव वालों को लवाईडीह और पोडिपा के बीच आने जाने में बहुत दिक्कत रहती है. हमने भेंट मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को इस समस्या से अवगत कराए है. इसके लिए ब्रिज कॉरपोरेशन को निर्देशित किया गया है.
10/11
जल्द से जल्द इसका इंस्टीमेट बनाकर शासन के समक्ष रखें, और ये बजट में भी आ चुका है. इसका प्रशासकीय स्वीकृति जैसे ही पूर्ण होगा, वैसे ही ब्रिज बनेगा.ब्रिज काफी लंबा चौड़ा है.
जल्द से जल्द इसका इंस्टीमेट बनाकर शासन के समक्ष रखें, और ये बजट में भी आ चुका है. इसका प्रशासकीय स्वीकृति जैसे ही पूर्ण होगा, वैसे ही ब्रिज बनेगा.ब्रिज काफी लंबा चौड़ा है.
11/11
उस स्तर का ही ब्रिज बनेगा. इसलिए इसमें थोड़ा विलंब हो रहा है. हम उम्मीद करते है कि इस बजट सत्र में इसका प्रशासकीय स्वीकृति मिल जाएगी.
उस स्तर का ही ब्रिज बनेगा. इसलिए इसमें थोड़ा विलंब हो रहा है. हम उम्मीद करते है कि इस बजट सत्र में इसका प्रशासकीय स्वीकृति मिल जाएगी.

छत्तीसगढ़ फोटो गैलरी

छत्तीसगढ़ वेब स्टोरीज

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget