In Pics: जशपुर में दम तोड़ रही पीएम आवास योजना, आधे अधूरे कमरों में सब्जी उगा रहे लाभार्थी, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ के जशपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना दम तोड़ती नजर आ रही है. पहाड़ी कोरवा समेत अन्य हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हैं. जिससे लोगों के पक्के मकान का सपना टूटता नजर आ रहा है.
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View In Appपंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी और ठेकेदारी प्रथा की वजह से पीएम आवास योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. इस योजना में आवास के लिए राशि मिलने के बावजूद कई आवास अधूरे पड़े है. मामला बगीचा विकासखंड का है.
ग्राम पंचायत रोकड़ा पहाड़ी कोरवा बाहुल्य है. इस गांव में बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा परिवार निवासरत है. इसके अलावा अन्य आदिवासी समाज के लोग भी यहां रहते हैं. इस गांव में पहाड़ी कोरवाओं समेत अन्य लोगों के लिए सैकड़ों प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए थे.
आवास योजना में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने ठेकेदारी प्रथा में इसका काम शुरू किया और इस योजना में जमकर बंदरबांट हुआ. नतीजा ये है कि पीएम आवास में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तो खराब थी ही, तीन साल बीतने के बावजूद अब तक पीएम आवास पूर्ण नहीं हो सका है. कहीं छत नहीं है, तो कहीं दरवाजे-खिड़की नहीं है.
गांव में अधिकांश लोगों के पीएम आवास अधूरे पड़े हैं. लगभग 85 प्रतिशत मकानों को अधूरा छोड़ दिया गया है. बताया जाता है कि इस योजना में पंचायत प्रतिनिधियों ने हितग्राहियों से पैसे भी ले लिए और काम भी नहीं कराए.
कुछ पहाड़ी कोरवा अधूरे आवास में तिरपाल और टीन शेड डालकर रह रहे हैं. तो कुछ ने कमरे के अंदर ही सब्जियों का उत्पादन भी शुरू कर दिया है.
अधिकारियों की लापरवाही और पंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी से हितग्राही खासे परेशान हैं और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं अधिकारी मामले में जांच की बात कह रहे हैं.
बगीचा जनपद पंचायत सीईओ विनोद सिंह ने कहा कि इसकी जांच करवाई जाएगी. पीएम आवास के सेकंड और थर्ड किस्त की राशि अभी नहीं आई है. जैसे ही किस्त आती है, या पहले आई होगी उसमें कुछ गड़बड़ियां की गई होगी तो उसपर कार्रवाई होगी.
जहां किस्त नहीं आई होगी वहां कोशिश करेंगे की जल्दी से आ जाए, ताकि आवास को पूर्ण कराया जा सके.
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