In Pics: मानसून ट्रिप की योजना बना रहे हैं तो रायपुर की यह जगह है आपके लिए, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शहर होने के बाद भी जंगल जैसी हरियाली है. हम बात कर रहें रायपुर शहर केवल 45 किलोमीटर दूर मोहरेंगा में इंदिरा प्रियदर्शनी नेचर सफारी की. जहां पर्यटक हरे भरे जंगल में देखने आते है. यहां जंगल में कई जंगली जानवर रहते है. जिसे खुले आसमान पर देखने का सुकून मिलेगा.
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View In Appछत्तीसगढ़ के हरियाली की चर्चा देशभर में होती है. मानसून की पहली बारिश के बाद पेड़ के पत्ते गहरे हरे रंग के हो जाते हैं. राज्य में उत्तर छत्तीसगढ़ और दक्षिण छत्तीसगढ़ की हरियाली जंगल इलाका काफी लोकप्रिय है.
शहरी इलाकों में हरियाली कम बड़ी बड़ी बिल्डिंग ज्यादा दिखती है. इसलिए मानसून सीजन की शुरुआत के साथ पर्यटक छत्तीसगढ़ की खूबसूरती देखने के देशभर से पहुंचते हैं..
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 19 नवंबर 2020 को 'इंदिरा नेचर सफारी' मोहरेंगा का लोकार्पण किया था. मोहरेंगा वन क्षेत्र में पूर्व में लगभग 100 से 150 चीतलों को विचरण करते हुए देखा गया था.
वर्तमान में चीतलों की संख्या करीब 400 से 500 हो गई है. नेचर सफारी के खुले वाहन या खुद के चार पहिया वाहन में गाइड की सहायता से यहां के खुले वातावरण में चीतलों के समूहों और अन्य जानवरों को देखा जा सकता है.
नेचर सफारी में चीतलों के साथ ही साथ मोहरेंगा वन परिसर में जंगली सुअर, लकड़बग्घा, खरगोश, लोमड़ी, नेवला, नाग, अजगर, बंदर, लंगूर जैसे वन्यप्राणी भी विचरण करते हैं. यहां 70 से अधिक प्रजाति के स्थानीय और माइग्रेटरी चिड़ियों की प्रजातियां भी पायी जाती है.
नेचर सफारी में कई प्रजातियों के वृक्ष जैसे साजा, खैर, तेन्दू, सागौन, बीजा, महुंआ चार, कुसुम, बहेड़ा, धावड़ा, आंवला, बांस सहित मूल्यवान और औषधि प्रजातियों के पेड़ है.
नेचर सफारी के अधिकारियों ने बताया कि वन प्राणियों और यहां की हरियाली को देखने के लिए चार मंजिला वॉच टावर बनाया गया है. पर्यटक यहां से नेचर सफारी को कई किलोमीटर की दूरी तक देख सकते है. यहां पर्यटकों के बैठने के लिए पैगोडा भी बनाया गया है साथ ही उनके खाने पीने क्रिया रेस्टोरेंट की व्यवस्था भी की गई है. यह जंगल सफारी सोमवार को छोड़कर बाकी सभी दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है.
मोहरेंगा को इको टूरिज्म केंद्र की दृष्टि से 'इंदिरा प्रियदर्शनी नेचर सफारी' मोहरेंगा के रूप में विकसित किया जा रहा है. रायपुर के जयस्तंभ चौक से 45 किमी की दूरी पर है. तिल्दा - खरोरा मार्ग में स्थित खोली डबरी आरक्षित वनखण्ड में करीब 528 हेक्टेयर क्षेत्र में कई अलग अलग प्रजाति के वृक्षों लगाए गए है ताकि वन्य प्राणियों के रहवास के इस परिसर में प्रवेश करने पर यह एक शांत, शीतल अभ्यारण्य जैसा अनुभव कराता है.
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