In Photos: बस्तर में आफत की बारिश! सैकड़ों क्विंटल धान खराब, पुलिस कैंप उजड़ा, हजारों एकड़ में फैला फसल बर्बाद
संग्रहण केंद्रों में खुले में रखा सैकड़ों क्विंटल धान भी पूरी तरह से खराब हो चुका है, यही नहीं बस्तर संभाग में बिजली कड़कने से चार लोगों की मौत होने के साथ बिजली गिरने से कई मवेशी भी मारे गए हैं. और जावंगा में मौजूद CRPF पुलिस कैंप भी पूरी तरह से उजड़ गया है. वही वर्तमान में भी मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है.
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View In Appमौसम विभाग ने सोमवार देर शाम एक बार फिर बस्तर में तेज बारिश होने की संभावना जताई है. एक तरफ जहां इस बारिश से आम जनों को गर्मी से राहत मिली है तो वहीं बस्तर के किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है, साथ ही संग्रहण केंद्रों में लोडिंग बंद होने से राज्य सरकार और मिलर्स को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जानकारी के मुताबिक अभी भी बस्तर जिले के धान संग्रहण केंद्रों में 65% से ज्यादा धान जाम है और कई संग्रहण केंद्रों में सैकड़ों क्विंटल धान को आसमान के नीचे खुले में ही छोड़ दिया गया है, जिसके चलते सैकड़ो क्विंटल धान बारिश में भीगकर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं.
दरअसल बस्तर में भी बीते बुधवार से अचानक आए मौसम में बदलाव की वजह से गरज चमक के साथ तेज बारिश हो रही है साथ ही ओलावृष्टि होने से किसानों की मुसीबतें भी बढ़ गई है, पिछले 5 दिनों की बारिश में बस्तर जिले के 2 हजार एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है, तो वहीं संभाग में करीब 10 हजार से ज्यादा एकड़ में लगी फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी है.
ओलावृष्टि की वजह से सब्जियों की फसल के साथ-साथ महुआ, ईमली और मौसमी फलों के फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. बस्तर जिले में सबसे ज्यादा बारिश ने तबाही बकावंड ब्लॉक में मचाई है. यहां एक ही ब्लॉक में करीब 500 एकड़ फसल बर्बाद हो चुका है, जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है,हालांकि किसान सरकार से उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग कर रहे हैं, इधर इस आफत की बारिश से केवल फसलों को ही नहीं बल्कि सरकारी धान खरीदी केंद्रों में रखें सैकड़ों क्विंटल धान को भी नुकसान पहुंचा है.
बारिश के पानी में भीगने की वजह से कई हजार क्विंटल धान खराब हो चुके हैं. लामनी संग्रहण केंद्र में ही लगभग 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान और बिरिंगपाल धान संग्रहण केंद्र में भी लगभग इतने ही मात्रा में धान पड़ा हुआ है, पिछले 5 दिनों से अंधड़ के साथ ही झमाझम बारिश होने से इनमें से काफी मात्रा में धान भीग गया है. वहीं बारिश के मौसम बनने के बावजूद संग्रहण केंद्र के प्रभारियों ने धान को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त तालपतरी नहीं ली ,हालांकि यहां तैनात ग्रामीण हमालो ने मेहनत करते हुए संग्रहण केंद्रों में रखे कुछ धान को तो ढकने की कोशिश की, लेकिन कुछ जगहों पर कवर फटे हुए होने के कारण धान भी गयी.
संग्रहण केंद्रों में धान का उठाव जल्द से जल्द हो इसके लिए स्थानीय मिलर्स के साथ ही प्रदेश के अन्य 9 जिलों के मिलर्स धान का उठाव कर रहे हैं. बावजूद इसके अब तक धान का उठाव उम्मीदा स्टॉक के मुताबिक नहीं हो पाया है, और अभी भी लगभग 65% धान संग्रहण केंद्रों में जाम पड़ा हुआ है. हालांकि इसे जल्द उठा लेने का दावा किया जा रहा है. इधर बारिश की वजह से दंतेवाड़ा ब्लॉक के जिले के गीदम ब्लॉक में मौजूद जावांगा सीआरपीएफ 231 बटालियन का अस्थाई कैंप अभी बारिश और आंधी चलने से उजड़ गया है, साथ ही पूरी तरह से छत बारिश और तेज हवा में उड़ गया है, जिस वजह से जवानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मौसम नहीं खुलने की वजह से अब तक उजड़ा हुआ कैंप के छत को सुधारा नहीं गया है लगातार यहां तैनात जवान दोबारा इसे बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं ,जवानों का कहना है कि पिछले 4 दिनों में हुई बारिश आम लोगों के साथ-साथ जवानों के लिए भी आफत की बारिश बनकर गिरी है.
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