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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाशिवरात्रि पर उमड़ी भक्तों की भीड़, एक ही पत्थर से बना है प्राचीन शिव मंदिर, जानें आज भी क्यों अधूरा है गुम्बद, देखें तस्वीरें
ऐसे में अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो छत्तीसगढ़ के देवबलोदा में स्थित 14वी शताब्दी के प्राचीन शिव मंदिर में भी रात 12 बजे से भक्त भगवान शिव के दर्शन करने व जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से आये हुए.
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View In Appभगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए इस मंदिर में दूर तक भक्तों की लाइन लग गई.
दरअसल छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के देवबलोदा गांव में स्थित 14वी शताब्दी का भगवान शिव की प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भूगर्भ से शिवलिंग निकले हुए हैं. इसके साथ ही इस मंदिर का निर्माण एक ही पत्थर से किया गया है.
कलचुरी राजाओं में इस मंदिर का निर्माण किया था. इस मंदिर की खास बात यह भी है कि इस मंदिर को छमासी रात में बनाया गया था. यही कारण है कि आज महाशिवरात्रि के पर्व पर इस मंदिर में बहुत दूर-दूर से लोग भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं. और पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं और मन्नत मांगते हैं.
देवबलोदा गांव में महाशिवरात्रि के दिन 2 दिनों का विशाल मेला भी लगता है. जहां दूर-दूर से लोग मेले में आते हैं. लोग पहले भगवान शिव के मंदिर में आकर भगवान शिव पूजा करते हैं. उसके बाद लोग मेले का आनंद लेते हैं. मंदिर के बगल में एक कुंड बना हुआ है. जोकि कई सालों से सूखा नहीं है. यह माना जाता है कि या कुंड का दूसरा छोर आरंग जिले निकला हुआ है.
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही व्यक्ति ने छमासी रात में की थी. इस मंदिर की खास बात यह है कि यह पूरा मंदिर एक ही पत्थर से बना हुआ है और इस मंदिर का गुम्बबत आधा है. लोगों की मान्यता के अनुसार बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण छमासी की रात में एक व्यक्ति द्वारा किया गया था.
इसके पीछे की कहानी यह है कि वह व्यक्ति हर रात मंदिर का निर्माण करने से पहले पास के कुंड में नहाता था. उसके बाद नग्न अवस्था में ही इस मंदिर के निर्माण में जुट जाता था.
उस कारीगर व्यक्ति की पत्नी भी उसके काम में सहयोग करती थी. जब उसका पति मंदिर निर्माण में काम करता था तो वह रोज उसके लिए खाना बना कर लाती थी. लेकिन एक दिन जब वहां मंदिर का निर्माण कर रहा था तब उसकी पत्नी की जगह उसकी बहन खाना लेकर आ रही थी. जब व्यक्ति ने देखा कि उसकी पत्नी की जगह उसकी बहन खाना लेकर आ रही है चूंकि वह नग्न अवस्था में था लज्जा की वजह से मंदिर प्रांगण में बने कुंड में छलांग लगा दी.
उसके बाद से आज तक वो व्यक्ति कहां गया पता नहीं चला पाया. बताया जाता है कि इसी वजह से इस मंदिर का गुम्बबत पूरा नहीं हो पाया था. इसलिए यह प्राचीन मंदिरों में एकलौता ऐसा मंदिर है जिसके गुम्बद आधी बनी हुई है.
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