पर्यटन स्थल की खूबसूरती बनाए रखने वालों की जिंदगी बेरंग? कर्मचारियों को दो साल से नहीं मिला वेतन
सूरजपुर में पर्यटन स्थल के कर्मचारियों को दो साल से वेतन का इंतजार है. कर्मचारियों कहना है कि दो साल से पर्यटन स्थल की देख-रेख कर रहे हैं, लेकिन अब तक वेतन का भुगतान नहीं हुआ है.
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View In Appऐसे में परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ गयी है. कर्मचारी कर्ज लेकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं. अधिकारियों ने आचार संहिता खत्म होने के बाद समस्या का समाधान करने की बात कही है.
बता दें कि एसईसीएल विश्रामपुर और प्रशासन ने संयुक्त रूप से केनापारा में बंद पड़ी कोयले की खदान को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया है. बांस के मोटेल में घर की तरह सुविधाएं दी गई हैं.
पर्यटक पिकनिक, पार्टी, बोटिंग और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का आनंद उठा सकते हैं. बच्चों के लिए खेलने की सुविधा, फोटो शूट के लिए ग्लो शाइन बोर्ड, बैठने के लिए जगह जगह बांस के घर बनाए गए हैं.
आनंद उठाने के लिए सुबह से शाम तक पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. पर्यटन स्थल की खूबसूरती को मेंटेन रखने के लिए वन विभाग की ओर से प्राइवेट कर्मचारी भी लगाए गए हैं.
पर्यटन स्थल का दीदार करने पहुंचे पर्यटकों की खुशी के बीच कर्मचारियों के चेहरे पर मायूसी नजर आती है. मोटेल की देखभाल करने वाले कर्मचारियों को दो साल तीन महीने से वेतन नहीं मिला है.
वेतन नहीं मिलने से केनापारा पर्यटन स्थल के कर्मचारियों को आर्थिक संकट पैदा हो गया है. बता दें कि एसईसीएल की बंद खदान में केनापारा पर्यटन स्थल की तारीफ पीएम मोदी तक कर चुके हैं.
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