Surguja News: सरगुजा जिले में स्कूलों के बच्चों को नहीं पता PM और CM का नाम, DEO दे रहे ये दलील
छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) संभाग के लोग हमेशा से बेहतर शिक्षा व्यवस्था की आस में रहते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग (Education Department) की लचर कार्यप्रणाली और जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी ने पूरे एजुकेशन सिस्टम को बिगाड़ रखा है. यहां के ग्रामीण इलाके के स्टूडेंट्स आज भी बड़े शहरों के मुताबिक शिक्षा ग्रहण करने से महरूम हैं.
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View In Appआलम ये है कि ग्रामीण इलाकों के अधिकांश स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को किताबी ज्ञान तो दूर सामान्य ज्ञान भी नहीं है. इसकी मुख्य वजह स्कूलों के वो शिक्षक और जिम्मेदार अधिकारी हैं जो एजुकेशन वर्क के अलावा हर काम में अपना खूब मन लगाते हैं.
सरगुजा जिले की एजुकेशन सिस्टम और बच्चों के आईक्यू लेबल की पड़ताल के लिए जब हम बतौली इलाके के बांसाझाल गांव स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में पहुंचे तो यहां के बच्चों के सामान्य ज्ञान की हालत ऐसी थी कि उसे जानकर आप केवल हैरान ही नहीं परेशान भी हो सकते हैं.
जिस सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए सरकार करोड़ों अरबों रूपए फूंक रही है वो सिस्टम एकदम डेमेज है और डेमेज कंट्रोल के लिए जिम्मेदार सिर्फ बैठक लेते हैं. धरातल पर उतर कर उसे सुधारने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है. तभी तो इस स्कूल के बच्चे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कलेक्टर तक का नाम नहीं जान रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक स्कूल शुरू होने से पहले रोज इस विषय का ज्ञान देने के दावे किए जाते हैं, और तो और सप्ताह में एक दिन बैग लेस डे पर भी सामान्य ज्ञान की पढ़ाई करने के निर्देश जिला अधिकारियों ने दिए हैं.
बांसाझाल गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला, मिडिल और हाई स्कूल के बच्चों से जब सरगुजा जिले के कलेक्टर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और गांव के सरपंच का नाम पूछा गया, तो कोई जवाब नहीं दे सका. इस संबंध में जब स्कूल के शिक्षक ज्ञान लकड़ा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बच्चों को सुबह सुबह सामान्य ज्ञान की जानकारी दी जाती है.
वहीं बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि हाई स्कूल के बच्चे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री का नाम नहीं बता सके, इससे समझा जा सकता है कि शिक्षा व्यवस्था के क्या हालात हैं. स्कूल में बाथरूम की हालत खराब है, दरवाजा खराब है, पानी की व्यवस्था नहीं है, गंदगी का आलम है.
डीईओ डॉ संजय गुहे ने कहा कि सभी प्राचार्यों की मीटिंग लेकर निर्देश दिया गया है कि बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ जनरल नॉलेज भी बढ़ाएं. हर शनिवार को बैगलेस डे मनाया जाता है. उसमें इन्हीं सब चीजों की जानकारी बच्चों को देनी है.
डीईओ ने कहा कि फिर से सबको निर्देश दिया जाएगा कि बच्चों को जनरल नॉलेज भी पढ़ाया जाए. ऐसा होना नहीं चाहिए कि बच्चों को मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, कलेक्टर का नाम मालूम नहीं हो. इसलिए शनिवार को बैगलेस डे के दिन बच्चों को यही सब जानकारी दी जानी है.
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