Election Results 2024
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Surguja News: नए कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे ग्रामीणों को मिला नामी समाजसेवियों का साथ, देखें तस्वीरें
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में 2012 से कोल परियोजना चल रही थी लेकिन इस साल दो अन्य परियोजनाओं को अनुमति मिलने के बाद ग्रामीण विरोध में उतर आए है. सरगुजा जिले के उदयपुर इलाके में पिछले करीब 120 दिनों से ग्रामीण हरिहरपुर में हड़ताल में बैठे है. जिसके बाद सेव हसदेव अरण्य का नारा देश में गूंजने लगा है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appपर्यावरणविद से लेकर सामाजिक संगठन के लोग इस कोल परियोजना के विरोध में आ गए है. ऐसे में अब देश के नामी समाजसेवी लोगों का भी साथ मिलने लगा है. इस क्रम में मेधा पाटकर समेत देश के कोने-कोने से सामाजिक कार्यकर्ता और मजदूर नेता, किसान नेता ग्रामीणों के पक्ष में पहुंचे. नए कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया.
समाजसेवी मेधा पाटकर ने कहा कि ये भीड़ नहीं है. इनकी संगठित शक्ति है. आज इनके ऊपर संकट आया है. एक दीवार खड़ी हो गई है. जो कि कोयले के खदान से निकली हुई है. जो पहली खदान मंजूर थी. जिसको लोगों ने स्व. खुशी से मंजूर किया. उसके विस्थापितों के आज क्या हालात है और उसके क्या असर है. ये देखकर, समझकर आज यहां के आदिवासी विरोध कर रहे है. और अडानी का विरोध क्यों? क्योंकि अदानी ही आज देशभर में छाई एक पूंजी की शक्ति है. और आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन पूंजी है, जिसे ये नहीं छोड़ना चाहते. विकास के नाम पर ये सब खत्म करना मूर्खता है.
ग्रामीणों के विरोध को समर्थन देने पहुंचे छत्तीसगढ़ के लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि मैंने विधानसभा में एक साल पहले जुलाई के महीने में शासकीय संकल्प रखा था कि हसदेव अरण्य को बचाना है और हसदेव नदी की सुरक्षा के लिए, यहां पर जो खदान दिए जा रहे है उसको निरस्त करना है. केते बासेन के बाद दूसरी बर्बादी का मंजर यहां आने वाला है. जिसको रोकने के लिए हम कोल प्रभावित क्षेत्र सरगुजा में आए है और कांग्रेस पार्टी के मुखिया राहुल गांधी, स्वयं भूपेश बघेल और टीएस बाबा, ये तीनों मदनपुर आए थे. मदनपुर में इन लोगों ने वादा किया था कि हम यहां पर कोई खनन नहीं करने देंगे आदिवासियों पर अत्याचार नहीं होने देंगे.
कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे ग्रामीणों में समर्थन में पहुंची छिंदवाड़ा के किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव का कहना है कि सरगुजा के आदिवासियों के साथ ही नहीं, यह देश के आम नागरिक के खिलाफ हो रहा है. देश में बिजली की कमी नहीं है. अदानी ने बांग्लादेश से सौदा किया है. आठ रुपए चालीस पैसे प्रति यूनिट बिजली को ये बेचने का काम करेगा. छह साल तक बिजली नहीं देगा तभी बांग्लादेश को पैसा देना है. तो ये व्यापार करने के लिए क्या भारत की संपदा को नष्ट किया जाएगा. क्या जल, जंगल, जमीन को नष्ट करने का काम करेंगे.
एडवोकेट आराधना भार्गव ने कहा कि हम सबका यह दायित्व है कि हम भारत की संपदा को रोकने का काम करें और यही लड़ाई हमारी ईस्ट इंडिया कम्पनी से थी. कि आप हमारी संपदा को लूटने का काम क्यों कर रहे हो. आज अदानी कंपनी पूरे देश को बर्बाद करके इस जगह को शमशान घाट बनाकर चले जाएंगे. जिस दिन कोयला खत्म होगा, उस दिन ना पेड़, जंगल, जमीन और ना नदी बचेगी.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -