Teeja-Pola 2022: छत्तीसगढ़ में तीज पर मुख्यमंत्री निवास बना बहनों के लिए मायका, जानिए कैसे मनाया जायेगा तीजा- पोला
Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आज राज्य की पारंपरिक त्योहार पोला (Teeja-Pola) बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है. इस मौके पर गांव से लेकर शहर तक मिट्टी के खूबसूरत पोला बैला की जमकर बिक्री हो रही है. इसी के साथ तीज त्योहार की भी शुरुआत भी हो जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री निवास (CM Residence) को बहनों के लिए मायके की तरह सजाया गया है. बड़ी संख्यां में प्रदेशभर के महिलाएं मुख्यमंत्री निवास पहुंच कर तीज की रस्में पूरी करेंगे और पारंपरिक खेलों में भाग लेंगे.
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View In Appआपको बता दें कि पोला और तीज के लिए मुख्यमंत्री निवास में खास तैयारियां की गई हैं और तीज मना रही माताओं और बहनों के स्वागत के लिए ये मुख्यमंत्री निवास को छत्तीसगढ़ी परंपरा के अनुसार सजाया गया है. वहीं मुख्यमंत्री निवास में पहले पोला त्योहार का आयोजन होगा. इस दौरान नंदी बैल की पूजा की जाएगी, इसी के साथ ही यहां पर तीजा महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा. तीजा महोत्सव के लिए प्रदेशभर से तीजहारिन सीएम हाउस पहुंचेगी. इस अवसर पर तीजहारिन करूभात खाने की रस्म पूरी करेंगे और अंत में छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों का आयोजन किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में तीजा की खास परम्परा है, तीजहारिन महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं. तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से लिवाकर लाते है. छत्तीसगढ़ में तीजा त्योहार की इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं. महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात खाकर निर्जला व्रत रखती हैं. तीजा के दिन रेत से शिव लिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं.
छत्तीसगढ़ का पोरा तिहार मूल रूप से खेती किसानी से जुड़ा पर्व है. खेती किसानी में बैल और गौवंशी पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परंपरा है. छत्तीसगढ़ के गांवों में इस पर्व में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है.इस मौके पर घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदी बैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं.घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़चीला, गुलगुला, भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं. इसके अलावा इस त्योहार में बैलों की दौड़ भी आयोजित की जाती है.
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