एक्सप्लोरर
In Pics: ऋषभ विहार के दिगंबर जैन मंदिर में सजा है अष्टापद कैलाश पर्वत, देखें तस्वीरें
ASHTAPAD KAILASH PARVAT: भगवान ऋषभदेव के मोक्ष कल्याणक के दिन 20 जनवरी को आचार्य श्रुतसागर और मुनि अनुमान सागर के सानिध्य में इसका शुभारंभ किया गया था. इस झांकी को अबतक डेढ़ लाख लोगों ने देखा है.

ऋषभ विहार के दिगंबर जैन मंदिर में अष्टापद कैलाश पर्वत. (Image Soirce: Abhishek Nayan)
1/7

पूर्वी दिल्ली स्थित ऋषभ विहार के दिगंबर जैन मंदिर में अष्टापद कैलाश पर्वत की आकृति बनाई गई है. अष्टापद कैलाश पर्वत प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की तपस्थली है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. इस कलाकृति को देखने के बाद श्रद्धालुओं में वास्तविक कैलाश पर्वत को देखने की भी इच्छा जागृत हो रही है. आइए इसे तस्वीरों में देखते हैं. सभी तस्वीरें अभिषेक नयन की.
2/7

दिगम्बर जैन समाज ऋषभ विहार के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन के मुताबिक अष्टापद कैलाश पर्वत की आकृति को बनाने में 40 कलाकारों ने एक महीने तक मेहनत की है. ये कलाकार कोलकाता से बुलाए गए थे. हर दिन हजारों लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं.
3/7

भगवान ऋषभदेव के मोक्ष कल्याणक के दिन 20 जनवरी को आचार्य श्रुतसागर और मुनि अनुमान सागर के सानिध्य में इसका शुभारंभ किया गया था.
4/7

मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही चीनी सुरक्षा चौकी,फर्स्ट एड बनी है.कृत्रिम रुई से निर्मित ऊंची बर्फीली पहाड़ियों के बीच 175 सीढ़ियां चढ़ते हुए लगभग 400 फीट के पैदल रास्ते के बीच में वन,हिम शिखरों पर पशु-पक्षी, हिम मानव,गुफाएं,बर्फीली चोटियों पर 72 जिनालय (मंदिर), मानसरोवर झील और दुर्गम रास्तों को पार कर जब चोटी पर भगवान आदिनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं तो वहां बरसती कृत्रिम फॉग और बर्फ की बूंदें ठंडी हवाएं अलग ही एहसास करवाती हैं.
5/7

इस साल 20 जनवरी से शुरू हुए इस निर्वाण पखवाड़े का पांच फरवरी को समापन होगा.इसके बाद भी ये कलाकृति अगले कुछ दिनों तक मंदिर परिसर में खड़ी रहेगी. श्रद्धालु उसे देख सकते हैं.
6/7

शुरुआत से अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लोग इस अद्वितीय कैलाश पर्वत की अष्टापद आकृति का दर्शन कर चुके हैं.
7/7

कैलाश पर्वत की अष्टापद आकृति का दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में सिर्फ जैन धर्म ही नहीं अन्य धर्मों के अनुयायी भी हैं.
Published at : 05 Feb 2023 01:34 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
विश्व
मध्य प्रदेश
साउथ सिनेमा
Advertisement


अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion