Delhi Air Pollution: दिवाली के बाद दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण स्तर, छा गई धुंध, देखें तस्वीरें
Delhi Pollution: दिवाली के खास पर्व रविवार (12 नवंबर) को बहुत ही धूमधाम से मनाया गया है. जिसके बाद दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ गया है. दिवाली की रात दिल्ली वासियों ने पटाखों पर लगाए प्रतिबंध का उल्लंघन किया गया. जिसके बाद सोमवार की सुबह शहर में धुंध छा गई. तो वहीं शहर में रविवार को आठ साल में दिवाली के दिन सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. 24 घंटे का औसम वायु गुणवत्ता AQI शाम 4 बजे 218 पहुंच गया.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appहालांकि, दिवाली की देर रात तक पटाखे फोड़ने की वजह से कम तापमान के बीच प्रदूषण का स्तर बढ़ गया. दिल्ली में सुबह 7 बजे AQI 275 पर था और दोपहर 12 बजे तक धीरे-धीरे बढ़कर 322 हो गया. आयानगर में AQI 382, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान का AQI 393 और पूसा में AQI 391 में पहुंच गया. इसके साथ ही दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया. जहां का AQI 400 और 450 के बीच पहुंच गया. 1,629 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी और दोपहर 12 बजे तक घटकर 157 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई.
पटाखे फोड़ने से राजधानी में ओखला और जहांगीरपुरी सहित कई स्थानों पर सुबह के समय PM 2.5 की सांद्रता 1,000 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक हो गई. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में PM2.5 प्रदूषण का स्तर सुबह 2 बजे तक बढ़कर 1,423 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गया लेकिन दोपहर 12 बजे तक यह धीरे-धीरे घटकर 101 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर आ गया.
ओखला में PM2.5 की सांद्रता की सुबह 1 बजे 1,629 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी और दोपहर 12 बजे तक घटकर 157 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई. आंकड़ों से पता चलता है कि रात 12 बजे, आनंद विहार के वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन ने पीएम 2.5 की सांद्रता 1,985 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की.
DPCC के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर AQI 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. दिवाली के एक दिन बाद शहर का AQI 2015 में 360 पर था. 2016 में 445, 2017 में 403, 2018 में 390, 2019 में 368, 2020 में 435, 2021 में 462 और 2022 में 303 था. बता दें कि शून्य और 50 के बीच का AQI को अच्छा माना जाता है. 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 के बहुत खराब, 401 और 450 गंभीर और 450 से ऊपर काफी गंभीर माना जाता है. दिल्लीवासियों ने शनिवार और रविवार को साफ-आसमान और खूबसूरत धूम का मजा लिया, क्योंकि इस साल दिवाली से ठीक पहले हवा की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हुआ.
दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार हुआ था. क्योंकि शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में बारिश हुई थी. जिसके वजह से हवा की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला था. 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले दो सप्ताह तक शहर में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब से लेकर गंभीर लेवल तक पहुंच गई थी. इस दौरान दिल्ली पर दमघोंटू धुंध छाई रही थी.
पिछले तीन वर्षों की बात करे तो दिल्ली ने शहर के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध की घोषणा की. पिछले साल, पराली जलाने की घटनाओं में कमी, बारिश में देरी, अनुकूल मौसम संबंधी स्थितियां और दिवाली की शुरुआत में रोशनी के त्योहार के बाद दिल्ली को गैस चैंबर में बदलने से रोका गया.
DPCC के मुताबिक रविवार को शहर में PM2.5 प्रदूषण में 35 प्रतिशत योगदान विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा का था. सोमवार को इसके 22 फीसदी और मंगलवार को 14 फीसदी होने की संभावना है. आंकड़ों से पता चलता है कि शहर में प्रदूषण का एक और प्रमुख कारण परिवहन है, जिसने पिछले कुछ दिनों में दिल्ली की खराब हवा से 12 से 14 फीसदी का योगदान दिया है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -