Delhi Merrut RRTS: एनसीआरटीसी दुहाई डिपो पहुंचा पहला ट्रेनसेट, जानें इसकी क्या हैं खूबियां?
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने हाल ही में मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था. उसी दिन एल्स्टॉम ने गुजरात के सावली में एनसीआरटीसी को पहला ट्रेनसेट सौंपा था. अब यह पहली ट्रेन है जो मेरठ मेट्रो के लिए दुहाई डिपो पहुंच गई है.
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View In Appअत्याधुनिक डिजाइन वाले इस ट्रेनसेट को पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित है तथा 'मेक इन इंडिया' अभियान के अंतर्गत बनाई गई है. मेरठ मेट्रो के ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल तो हैं ही, साथ ही हल्के और रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ आते हैं. मेरठ मेट्रो ट्रेन की अधिकतम परिचालन गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है.
मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. मेरठ मेट्रो 13 स्टेशनों के साथ 23 किलोमीटर लंबा है. ट्रेनसेट देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी. इसके लिए एनसीआरटीसी ने वैश्विक रेल परिवहन में अग्रणी प्रयास करते हुए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर हाइब्रिड लेवल-3 के साथ यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) लेवल 2 की सिग्नलिंग प्रणाली अपनाई है. यह मेरठ के भीतर आरआरटीएस और मेट्रो सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करेगा और जनता को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करेगा.
ट्रेनसेट हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से बना है. इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है. सभी ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, खड़े होने की आरामदायक जगह, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा सीसीटीवी कैमरे, डायनामिक रूट मैप्स, इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित स्वनियंत्रित प्रकाश व्यवस्था समेत अन्य आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं.
एक ट्रेनसेट में 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे. इसमें ऊर्जा की खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे जहां पुश बटन को दबाया जाएगा. आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा सिस्टम को भी एकीकृत किया गया है. आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था के साथ व्हील चेयर के लिए भी स्थान बनाया गया है.
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 23 किलोमीटर है0 18 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड है और 5 किलोमीटर का सेक्शन भूमिगत है. मेरठ में कुल 13 स्टेशन हैं, जिनमें से 9 स्टेशन एलिवेटेड और 3 भूमिगत स्टेशन हैं. एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) ग्राउंड लेवल पर होगा. इनमें मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी और मोदीपुरम एलिवेटेड स्टेशन हैं. जबकि मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ भूमिकत और मोदीपुरम डिपो (धरातल पर) शामिल हैं.
मेरठ में मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर आरआरटीएस के साथ मेट्रो सेवाएं उपलब्ध होंगी. जहां पर लोग अपनी सुविधानुसार ट्रेन से आगे जाने के लिए अपनी ट्रेन बदल सकेंगे. मेरठ के अन्य स्टेशनों पर सिर्फ मेट्रो सेवाएं उपलब्ध होंगी.
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