Delhi Blind Bake Cafe: ऑर्डर लेने से लेकर बेकिंग, कुकिंग तक, यहां हर काम करती हैं ब्लाइंड महिलाएं, डिशेज के दिवाने हैं लोग
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हौज खास इलाके का एक कैफे इन दिनों काफी सुर्खियों में बना हुआ है. जानकर हैरानी होगी कि इस कैफ में बिना देखे महिलाएं कुकिंग से लेकर बेकिंग और सर्विंग कर रही हैं. दरअसल दिल्ली के हौज खास में पहले ‘ब्लाइंड बेक कैफे’ का संचालन नेत्रहीन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है. इस कैफे में आते ही आपको ऑर्डर लेने से लेकर उसे तैयार करने और सर्व करने के रोल को बखूबी निभाते हुए दृष्टिहीन महिलाएं नजर आएंगी. चलिए इस कैफे की ज्यादा जानकारी आपको देते हैं ताकी आप भी इस अनोखे कैफे में जाकर लजीज डिशेज का लुत्फ उठा सकें.
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View In Appखाना बनाने के लिए जहां आपको अलग-अलग सामग्री के साथ-साथ मसाले, सब्जियां, गैस जलाना, सब्जियों को काटना आदि की पहचान और सही जानकारी होना आवश्यक है. और हर किसी के लिए यह आसान काम नहीं होता. ऐसे में नेत्रहीन महिलाएं इस कैफे में बखूबी काम कर रही है और केक और कुकीज बेक करने से लेकर पूरा खाना बनाकर लोगों को परोस रही हैं.
कैफे की शेफ कमला नेपाल की रहने वाली है और पिछले 2 सालों से दिल्ली में हैं. उन्होंने नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड वूमेन (NAB) से ट्रेनिंग ली जहां पर शुरुआत में उन्होंने कस्टमर केयर की ट्रेनिंग दी गयी. इसी बीच उनका इंटरेस्ट खाना बनाने को लेकर जागृत हुआ और फिर उन्होंने खाना बनाने के लिए मसालों की पहचान करना, सब्जियां काटने के लिए चाकू चलाना, हाथ से छू कर फलों सब्जियों की पहचान करना, मसालों और अन्य चीजों को सूंघकर पहचाना आदि सीखा और अब वह हर चीज को अच्छे से पहचान कर पूरी तरीके से खाना बना लेती हैं.
तारा नाम की महिला का विजन काफी कम हैंउन्हें बहुत हल्का दिखाई देता है इसीलिए वह खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले गैजेट्स को चला लेती हैं, तारा ने बताया कि उन्हें इस कैफे में काम करने का मौका मिला है और वह यहां पर बहुत अच्छे से काम कर पा रही हैं. उन्होंने कहा कि जब वह बाहर किसी जगह काम के लिए जाती थी, औरखुद उनके परिवार वाले उन पर विश्वास नहीं करते थे कि वह अपने जीवन में कुछ भी कर पाएंगी, लेकिन वह यहां पर सभी काम खुद कर पा रही है उनके अंदर एक अलग आत्मविश्वास जागा है.
कैफे में मौजूद ट्रेनर शीना कहती हैं कि यह कैफ़े भी आम कैफे की तरह यहां पर चलाया जा रहा है. कैफे में काम कर रही महिलाएं भले ही अपनी आंखों से देख पाने में सक्षम नहीं है. लेकिन वह बाकी लोगों की तरह ही काम कर रही हैं. वह बताती हैं कि यहां के मेन्यू से लेकर मसालों के बॉक्स आदि चीजों पर ब्रेल लिपि से लिखा गया है, जिससे कि वह आसानी से पढ़ सके और उसकी पहचान हो सके. साथ ही उन्होंने बताया कि यहां पर जो कॉफी मशीन है जिसमें चाय, कॉफी,गरम पानी, कैप्युचीनो समेत अलग-अलग बेवरेजेस का मैन्यू है उसकी पहचान के लिए उनके नाम के आगे अलग-अलग आकार वाले बटन लगाए गए हैं. जिससे कि उस बटन को हाथ से छू कर कॉफी मशीन का इस्तेमाल किया जा सके.
दिल्ली के हौज खास एनक्लेव में इसी साल 15 नवंबर से इस कैफ़े की शुरुआत की गई है NAB सेंटर फॉर ब्लाइंड वूमेन एंड डिसेबिलिटी स्टडीज की डायरेक्टर और इस कैफ़े की शुरुआत करने वाली शालिनी खन्ना ने बताया इस सेंटर में देश भर से आने वाली नेत्रहीन महिलाओं को स्वाबलंबी बनाए जाने की ट्रेनिंग दी जाती है. जिस पर हम उन्हें खाना बनाने से लेकर, पढ़ाने लिखाने,हैंडीक्राफ्ट, मेडिकल से जुड़ी ट्रेनिंग देते हैं. जिससे कि वह अपने जीवन को एक नई दिशा दे सके जैसे कि समाज में उन्हें भी अन्य लोगों की तरह बराबरी का सम्मान मिले और वह सभी लोगों की तरह सामान्य तरीके से अपना जीवन जी सकें.
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