दिल्ली में हरी सब्जियों की कीमत ने बिगाड़ा खाने का स्वाद, एक महीने में डेढ़ गुना तक बढ़ गए दाम
राजधानी दिल्ली समेत देश भर में एक बार फिर सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं. बीते एक महीने में सब्जियों की कीमत सवा से डेढ़ गुना तक बढ़ गयी है. महंगाई का सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्गीय परिवार के बजट पर पड़ा है.
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View In Appसब्जियों की खरीदारी में कटौती करनी पड़ रही है. दूसरी तरफ रसोई के खर्चो में भी कटौती करने को मजबूर होना पड़ा है. नई फसलों की आवक के बाद पिछले दिनों लोगों को राहत मिली थी.
सब्जियों के बढ़ते भाव पर लगाम लगा था. एक बार फिर हरी सब्जियां महंगी होने लगी हैं. पुरानी दिल्ली के दरियागंज थोक मंडी में 5 किलो आलू 150 रुपये, 5 किलो प्याज 240 रुपये की दर से बिक रहा है.
टमाटर ढाई किलो 100 रुपये, भिंडी 5 किलो 250 रुपये, घीया 5 किलो 150 रुपये, तोड़ी 5 किलो 160 रुपये, करेला 5 किलो 200 रुपये, सीताफल 5 किलो 25 रुपये में मिल रहा है. 5 किलो बैंगन 150 रुपये, 5 किलो पालक 100 रुपये, 5 किलो लोबिया 200 रुपये, 5 किलो कुंदरू 150 रुपये, 5 किलो टिंडा 250 रुपये, 5 किलो शिमला मिर्च 300 रुपये की दर से बिक रहा है.
नींबू की कीमत 120 रुपये, अदरक 50 रुपये, मिर्ची 60 रुपये, लहसुन 240 रुपये और धनियां पत्ता 160 रुपये प्रति किलो हो गयी है. थोक व्यापारी धर्मेंद्र ने बताया कि टमाटर की कीमतों में गिरावट आयी है.
15 दिन पहले 50-55 रुपये प्रति किलो मिलने वाला टमाटर अब 40 से 45 रुपये में मिल रहा है. लोकल टमाटर के बाजार में आने तक कीमत बरकरार रहेगी. अगले महीने के अंत तक देसी टमाटर मंडी में आने की उम्मीद है.
सब्जी विक्रेता हरिओम राजपूत ने बताया कि दरियागंज की मंडी 50 साल पुरानी है. सब्जियों के भाव बढ़ने से मंडी में आवाजाही कम हुई है. विक्रेता सुनील कुमार ने बताया कि आज आलू और प्याज का थोक भाव 22 और 44 रुपये प्रति किलो है.
नवंबर तक भी दोनों सब्जियों की कीमतों में ज्यादा कमी आने के आसार नहीं हैं. व्यापारी बताते हैं कि बारिश और बाढ़ के कारण सब्जियों की फसलें खराब हो गयी हैं. मांग के अनुसार सब्जियों की आपूर्ति नहीं है. उन्होंने बताया कि अभी महंगाई से राहत नहीं मिलेगी. नई फसल की आवक शुरू होने के बाद सब्जियों की कीमतें गिरनी शुरू हो जायेंगी.
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