In Pics: दिल्ली के सदर बाजार में दुकानें सील होने पर व्यापारियों में गुस्सा, ठेले पर सब्जी बेचकर किया प्रदर्शन
दिल्ली के सबसे बड़े होलसेल मार्केट सदर बाजार में पिछले दिनों एमसीडी अधिकारियों की ओर से की गई सीलिंग की कार्रवाई से वहां के दुकानदारों में काफी रोष है. लगातार विरोध और प्रदार्शन के बाद भी जब सील की गई दुकानों को डी-सील नहीं किया गया, तो आज दुकानदारों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया और सदर बाजार में पटरियों पर दाल और सब्जियों की दुकानें लगा कर एमसीडी के खिलाफ नारेबाजी की.
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View In Appइस दौरान परमजीत सिंह पम्मा और राकेश यादव ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि 16 दिन से व्यापारी सड़कों पर भटक रहे हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. यहां तक के एलजी और सीएम सहित उच्च अधिकारियों तक वो अपनी गुहार लगा चुके हैं, मगर अभी तक व्यापारियों को सभी जगह से निराशा ही हासिल हुई है.
उन्होंने कहा कि अब हालत यह हो गई है कि व्यापारियों को पटरी लगाकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है, क्योंकि अवैध पटरी वालों के खिलाफ तो सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है, लेकिन जो व्यापारी जीएसटी देता है, ट्रेड लाइसेंस, कमर्शियल बिजली का मीटर है, उनकी दुकानें सील कर दी जाती हैं.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों और संबंधित विभागों के इस उदासीन रवैये को देखते हुए, व्यापारियों ने 2 फरवरी को मिठाई पुल सदर बाजार में दिल्ली के व्यापारियों की एक पंचायत बुलाई है, जिससे आने वाले समय में सीलिंग और अन्य मुश्किलों का मिल जुलकर सभी दिल्ली के व्यापारी सामना करेंगे.
व्यापारियों ने सभी राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां व्यापारियों का इस्तेमाल तो करती हैं पर व्यापारियों के हक के लिए कोई भी आगे नहीं आता है.
इस मौके पर फेस्टा के कार्यवाहक अध्यक्ष चौधरी, योगेंद्र सिंह, महासचिव कमल कुमार, एल अग्रवाल और माणक शर्मा सहित अनेक व्यापारी नेता शामिल थे, जिन्होंने एमसीडी के खिलाफ नारेबाजी की और सीलिंग खोलने की मांग की.
गौरतलब है कि पिछले दिनों एमसीडी अधिकारियों ने रेसिडेंशियल एरिया होने का हवाला देते हुए सदर बाजार के 20 दुकानों को सील कर दिया था. व्यापारियों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि न तो उन्हें इससे संबंधित नोटिस दिया गया था और न ही उन्हें इसके लिए समय दिया गया.
वहीं रेसिडेंशियल एरिया होने की बात का व्यापारियों ने खंडन करते हुए बताया था कि सदर बाजार का 95 प्रतिशत एरिया कॉमर्शियल है, एमसीडी की इस कार्रवाई को व्यापारियों ने अधिकारियों की तानाशाही बताई थी.
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