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Majnu Ka Tila: बड़ा ही रोचक है दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ का इतिहास, जानिए कैसे पड़ा ये नाम
![](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/d09b284f1b13ecb6aff6a0115e15f8ea_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जानिए मजनू के टीला का इतिहास
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![Majnu Ka Tila: राजधानी दिल्ली को देश का दिल कहा जाता है. यहां पर कई फेमस ऐतिहासिक जगहे हैं जहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां मौजूद ‘मजनू का टीला’ का इतिहास भी बेहद रोचक है. अगर आप दिल्ली की सैर पर जा रहे हैं तो आज इस रिपोर्ट में हम आपको इस जगह से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/03b70b916a80b48c7725b68fa914f1d4c1a66.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Majnu Ka Tila: राजधानी दिल्ली को देश का दिल कहा जाता है. यहां पर कई फेमस ऐतिहासिक जगहे हैं जहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां मौजूद ‘मजनू का टीला’ का इतिहास भी बेहद रोचक है. अगर आप दिल्ली की सैर पर जा रहे हैं तो आज इस रिपोर्ट में हम आपको इस जगह से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.
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![‘मजनू का टीला’ का इतिहास 19वीं शताब्दी से भी पुराना है. कहा जाता है कि ये जगह सिकंदर लोदी के शासन से जुड़ी हुई है. इसके अलावा यहां का इतिहास सिख धर्म के गुरु से भी जुड़ा हुआ है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/2adc56a9cbd11077c307de616bc20efdb9cfd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
‘मजनू का टीला’ का इतिहास 19वीं शताब्दी से भी पुराना है. कहा जाता है कि ये जगह सिकंदर लोदी के शासन से जुड़ी हुई है. इसके अलावा यहां का इतिहास सिख धर्म के गुरु से भी जुड़ा हुआ है.
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![अगर बात करें इस जगह के नाम की तो इसके पीछे की भी एक रोचक कहानी है. दरअसल इस जगह का नाम एक सूफी के नाम पर रखा गया है. बताया जाता है कि जब एक बार गुरु नानक सिकंदर लोदी के काल में यहां आए थे तो वो एक सूफी फकीर से मिले थे जोकि शायद ईरान का रहने वाला था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/4482464fec7a461e0f4f7cff67721292b9f87.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अगर बात करें इस जगह के नाम की तो इसके पीछे की भी एक रोचक कहानी है. दरअसल इस जगह का नाम एक सूफी के नाम पर रखा गया है. बताया जाता है कि जब एक बार गुरु नानक सिकंदर लोदी के काल में यहां आए थे तो वो एक सूफी फकीर से मिले थे जोकि शायद ईरान का रहने वाला था.
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![वो फकीर सूफी था इसलिए लोग उसे मजनू कहने लगे थे. कहा जाता है कि वो फकीर यमुना के पास में मौजूद एक टीले पर रहता था, इसलिए जगह नाम मजनू का टीला ही पड़ गया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/6af56672835fc4ec8ff8136dbda6a92ffbab3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वो फकीर सूफी था इसलिए लोग उसे मजनू कहने लगे थे. कहा जाता है कि वो फकीर यमुना के पास में मौजूद एक टीले पर रहता था, इसलिए जगह नाम मजनू का टीला ही पड़ गया.
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![इसके अलावा लोगों का ये भी मानना है कि उस मजनू को गुरु नानक का आशीर्वाद भी मिला हुआ था और जिस जगह पर उन्हें आशीर्वाद दिया गया था आज उसी जगह पर गुरुद्वारा बना हुआ है. वहीं कई लोगों का ये भी कहना है कि इस टीले का संबंध ऐतिहासिक प्रेमी जोड़े लैला-मजनू से भी है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/15/fb9680b6ae251432c343bfc35735e3ce23677.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके अलावा लोगों का ये भी मानना है कि उस मजनू को गुरु नानक का आशीर्वाद भी मिला हुआ था और जिस जगह पर उन्हें आशीर्वाद दिया गया था आज उसी जगह पर गुरुद्वारा बना हुआ है. वहीं कई लोगों का ये भी कहना है कि इस टीले का संबंध ऐतिहासिक प्रेमी जोड़े लैला-मजनू से भी है.
Published at : 24 Jun 2022 09:32 AM (IST)
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