हनुमंत कथा के दूसरे दिन लगा दिव्य-दरबार, जानें ऐसा क्या हुआ कि झूम उठे बाबा बागेश्वर के भक्त?
दूसरे दिन हनुमंत कथा के शुभारंभ में 51 मंदिरों के पुजारियों एवं बाबा श्याम गिरी मंदिर महंत तथा मरघट वाले बाबा के महंत वैभव शर्मा एवं महंत नवल किशोर दास आरती में शामिल हुए. इस अवसर पर भजन गायक कन्हैया मित्तल ने मनोज तिवारी के सुर में सुर मिलाकर अपने भजन गायकी के भक्ति भाव में श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appपंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा के दूसरे दिन भी भक्तिमय माहौल रहा. लाखों श्रद्धालुओं के बीच बागेश्वर धाम सरकार का दिव्य-दरबार भी लगा. जिसमें कई श्रद्धालुओं की अर्जी लगी और उनकी समस्याओं का समाधान बागेश्वर धाम सरकार ने बताया.
दिव्य-दरबार अपने पूर्व निर्धारित समय 11 बजे से कुछ विलंब से शुरू हुआ, क्योंकि बाबा आयोजन स्थल पर देर से पहुंचे, जिसके बाद दोपहर 2 बजे से दिव्य-दरबार शुरू हुआ जो घंटे भर चला और फिर एक घंटे के विराम के बाद 4 बजे से हनुमंत कथा की शुरुआत हुई.
बाबा बागेश्वर को सुन कर वहां मौजूद लाखों श्रद्धालु भक्ति-भाव मे डूब कर झूमते नजर आए. अपने प्रवचन के दौरान बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा गुरु वही है जो भगवान से भक्तों का परिचय करा दे और शिष्य वह है गुरु की दीक्षा का पालन कर जीवन को आदर्श बना दे. जिसे सुन कर पूरा कथा स्थल सीताराम की उद्घोषणा से गूंज उठा.
कथा के आयोजक और मुख्य यजमान उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह कथा स्थल बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगमन के बाद कृष्णा कृष्णा कहकर झूम रहा है और घोंडा गुजरान खादर का यह दृश्य हमें अयोध्या में भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा उत्सव जैसा दिख रहा है.
मनोज तिवारी ने कहा कि कथा के माध्यम से भक्ति और हिंदू की शक्ति दोनों का प्रदर्शन एक साथ समाज को मजबूत करने का उदाहरण पेश कर रहा है. मंच पर सफाई कर्मचारियों, महिलाओं और आज 51 मंदिरों के पुजारियों द्वारा आरती में शामिल होना इस बात का परिचायक है. वहीं, इस मौके पर बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कुछ नशा है हिंदुओं की आन का कुछ नशा है मातृभूमि के सम्मान का. लहरा देंगे पूरे हिंदू राष्ट्र भारत में भगवा क्योंकि हमे नशा है भगवान श्री राम के सम्मान का.
कार्यक्रम के पहले दिन हुई झमाझम बारिश से कार्यक्रम में खलल के बावजूद लोगों की आस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ा और बाबा की महिमा एवं आयोजकों द्वारा की गई व्यवस्थाओं के कारण कार्यक्रम को शुरू किया गया. हालांकि, वहां बिछे मैट गीले जरूर थे, लेकिन भक्तों की भक्ति के आगे यह परेशानी तुच्छ प्रतीत हुई और श्रद्धालुओं ने इसे नजरअंदाज कर श्रीराम और हनुमान कथा का श्रवण किया.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -