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Ravidas Jayanti: धूमधाम से मनाई गई संत रविदास जयंती, लाल किला से करोल बाग मंदिर तक निकली झांकियां; देेखें तस्वीरें

दिल्ली के करोल बाग स्थित संत रविदास विश्राम स्थल मंदिर में बड़े ही धूमधाम से रविवार को रविदास जयंती मनाई गई. इसमें दिल्ली ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लोग भी शामिल हुए.

दिल्ली के करोल बाग स्थित संत रविदास विश्राम स्थल मंदिर में बड़े ही धूमधाम से रविवार को रविदास जयंती मनाई गई. इसमें दिल्ली ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लोग भी शामिल हुए.

संत रविदास (फोटो- अभिषेक नयन)

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देश भर में पांच फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास की जयंती मनाई गयी. कल  संत रविदास की 646वीं जयंती थी.  इस मौके पर दिल्ली के करोल बाग स्थित संत रविदास विश्राम स्थल मंदिर में भी बड़े ही धूमधाम से जयंती मनाई गई. इसमें दिल्ली ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लोग भी शामिल हुए.
देश भर में पांच फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास की जयंती मनाई गयी. कल संत रविदास की 646वीं जयंती थी. इस मौके पर दिल्ली के करोल बाग स्थित संत रविदास विश्राम स्थल मंदिर में भी बड़े ही धूमधाम से जयंती मनाई गई. इसमें दिल्ली ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के लोग भी शामिल हुए.
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मंदिर में सुबह अमृतवाणी से शुरू हुआ जयंती समारोह रात 11 बजे तक चला. इस दौरान दिन दिन भर भजन-आरती, लंगर और फिर झांकियां निकाली गईं. करोल बाग मंदिर के ट्रस्टियों ने एबीपी न्यूज को बताया कि संत रविदास जब तुगलकाबाद से चले थे, तो कुछ समय के लिए करोल बाग के इसी जगह पर उन्होंने विश्राम किया था.
मंदिर में सुबह अमृतवाणी से शुरू हुआ जयंती समारोह रात 11 बजे तक चला. इस दौरान दिन दिन भर भजन-आरती, लंगर और फिर झांकियां निकाली गईं. करोल बाग मंदिर के ट्रस्टियों ने एबीपी न्यूज को बताया कि संत रविदास जब तुगलकाबाद से चले थे, तो कुछ समय के लिए करोल बाग के इसी जगह पर उन्होंने विश्राम किया था.
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इसलिए इस मंदिर का नाम संत रविदास विश्रामस्थल मंदिर रखा गया. यहां हर साल भव्य तरीके से उनकी जयंती मनाई जाती है. यहां हजारों लोग मंदिर में दर्शन और मन्नत मांगने के लिए पहुंचते हैं. संत रविदास की जयंती के दिन यहां दिन भर लंगर चलता रहता है, जिसमें लगभग, 20 हजार लोग लंगर चखते हैं. बता दें कि हर वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है.
इसलिए इस मंदिर का नाम संत रविदास विश्रामस्थल मंदिर रखा गया. यहां हर साल भव्य तरीके से उनकी जयंती मनाई जाती है. यहां हजारों लोग मंदिर में दर्शन और मन्नत मांगने के लिए पहुंचते हैं. संत रविदास की जयंती के दिन यहां दिन भर लंगर चलता रहता है, जिसमें लगभग, 20 हजार लोग लंगर चखते हैं. बता दें कि हर वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है.
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इस दिन सनातन धर्म का पालन करने वालों के लिए गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. उनके अनुयायियों के अनुसार वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे. संत रविदास जयंती के दिन उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. वो अपने जीवन से जुड़ी महान घटनाओं और चमत्कारों को याद करके अपने गुरु रविदास जी से प्रेरणा लेते हैं.
इस दिन सनातन धर्म का पालन करने वालों के लिए गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. उनके अनुयायियों के अनुसार वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे. संत रविदास जयंती के दिन उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. वो अपने जीवन से जुड़ी महान घटनाओं और चमत्कारों को याद करके अपने गुरु रविदास जी से प्रेरणा लेते हैं.
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उनके भक्त उनके जन्म स्थान पर जाते हैं और रविदास जयंती पर उनका जन्मदिन मनाते हैं. संत रविदास को रैदासजी के नाम से भी जाना जाता है. संत गुरु रविदास देश के उन महान संतों में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने समाज में फैली बुराईयों और कुरूतियों को दूर करने के लिए लोगों को एक सच्चे मार्ग पर चलने की राह दिखाई थी.
उनके भक्त उनके जन्म स्थान पर जाते हैं और रविदास जयंती पर उनका जन्मदिन मनाते हैं. संत रविदास को रैदासजी के नाम से भी जाना जाता है. संत गुरु रविदास देश के उन महान संतों में से एक माने जाते हैं, जिन्होंने समाज में फैली बुराईयों और कुरूतियों को दूर करने के लिए लोगों को एक सच्चे मार्ग पर चलने की राह दिखाई थी.
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साथ ही उन्होंने अपनी भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया था. गौरतलब है कि दिल्ली के करोल बाग स्थित रविदास मंदिर दिल्ली में संत रविदास का सबसे बड़ा मंदिर है.
साथ ही उन्होंने अपनी भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया था. गौरतलब है कि दिल्ली के करोल बाग स्थित रविदास मंदिर दिल्ली में संत रविदास का सबसे बड़ा मंदिर है.
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ये मंदिर लोगो के बीच कितना प्रसिद्ध है इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं की हर वर्ष यहां रविदास जयंती के दिन देश-विदेश से लोग लाखों लोग अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं.
ये मंदिर लोगो के बीच कितना प्रसिद्ध है इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं की हर वर्ष यहां रविदास जयंती के दिन देश-विदेश से लोग लाखों लोग अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं.
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इस वर्ष भी देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद , BJP के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और राज्यसभा के पूर्व सांसद दुष्यम गौतम और संघप्रिय बंते राहुल समेत कई दूसरी  पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी इस मंदिर में पहुंचे. उन्होंने संत रविदास का स्मरण किया और देश की सुख और समृद्धि की कामना की.
इस वर्ष भी देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद , BJP के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और राज्यसभा के पूर्व सांसद दुष्यम गौतम और संघप्रिय बंते राहुल समेत कई दूसरी पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी इस मंदिर में पहुंचे. उन्होंने संत रविदास का स्मरण किया और देश की सुख और समृद्धि की कामना की.
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इस मंदिर में हर वर्ष रविदास जयंती के दिन कई बड़ी शख्शियत यहां पहुंचकर संत रविदास का मनन करते हैं. पिछले वर्ष देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत BJP के अन्य बड़े नेता मंदिर पहुंचे थे और उनका स्मरण किया था. ((फोटो- अभिषेक नयन))
इस मंदिर में हर वर्ष रविदास जयंती के दिन कई बड़ी शख्शियत यहां पहुंचकर संत रविदास का मनन करते हैं. पिछले वर्ष देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत BJP के अन्य बड़े नेता मंदिर पहुंचे थे और उनका स्मरण किया था. ((फोटो- अभिषेक नयन))

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