Shaheen Bagh Demolition Drive: शाहीन बाग में खूब हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा, विरोध के आगे नहीं चला बुल्डोजर, तस्वीरों में देखें हालात
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अधिकारियों के अतिक्रमण रोधी अभियान को अंजाम देने के लिए बुलडोजर के साथ सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पहुंचते ही महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोग वहां धरने पर बैठ गए और विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित एसडीएमसी और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई रोकने की मांग की.
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View In Appएसडीएमसी के अधीन सेंट्रल जोन में आने वाला शाहीन बाग दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन और धरने का केंद्र रहा था. शहर में कोविड महामारी फैलने के बाद मार्च 2020 में यहां धरना प्रदर्शन बंद किया गया था.
एसडीएमसी के सेंट्रल ज़ोन के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया, ‘‘ हमारे दल अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर, ट्रक और पुलिस बल के साथ शाहीन बाग पहुंचे। अतिक्रमण हटाना हमारा दायित्व है, जिसे हम पूरा कर रहे हैं.’’
क्षेत्र में अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान एसडीएमसी अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी अपने कर्मियों के साथ मौके पर मौजूद हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जा रहा है, वहां पुलिस बल तैनात किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित नगर निकाय बिना किसी परेशानी के और पूरी सुरक्षा के साथ अपना काम कर सके.’’
गौरतलब है कि बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने स्थानीय महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों’’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जा रहा है, वहां पुलिस बल तैनात किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित नगर निकाय बिना किसी परेशानी के और पूरी सुरक्षा के साथ अपना काम कर सके.’’
अधिकारियों ने बताया कि स्थिति से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है. एसडीएमसी के अधिकारियों के बुलडोजर के साथ शाहीन बाग पहुंचते ही कुछ स्थानीय लोगों ने अपने ‘‘अवैध निर्माण’’ को हटाना शुरू कर दिया.
शाहीन बाग में कालिंदी कुंज मुख्य मार्ग के दुकानदार अकबर (40) ने कहा, ‘‘ बुलडोजर सुबह साढ़े 11 बजे इलाके में पहुंचे थे, लेकिन यहां कोई अतिक्रमण नहीं होने के कारण वे लौट गए. लोगों से कहा गया था और उन्हें अवैध खोखे हटा दिए थे. वहां हटाने के लिए कुछ नहीं था. बुलडोजर कोई भी कार्रवाई किए बिना ही लौट गए.’’
गौरतलब है कि बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने स्थानीय महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर ‘‘रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों’’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया.
एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष सिंह ने बताया कि पिछले महीने ओखला और जसोला में एक अभियान की योजना बनाई गई थी, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं होने के कारण उसे अंजाम नहीं दिया जा सका.
उन्होंने बताया कि 10 मई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के नजदीक गुरुद्वारा रोड के पास, जबकि 11 मई को मेहरचंद मार्केट, लोधी कॉलोनी में साईं बाबा मंदिर के पास और जेएलएन मेट्रो स्टेशन के पास अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जाएगा.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ प्रदर्शन की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग और आसपास के इलाकों में सोमवार को जाम लग गया.
अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अफसरों समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने के लिए शाहीन बाग में बुलडोज़र पहुंचा जिसके बाद महिलाओं समेत अन्य लोगों ने वहां विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस वजह से शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, जैतपुर, सरिता विहार और मथुरा रोड समेत अन्य स्थानों पर यातायात जाम हो गया.
यातायात पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद की ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो और कई स्थानों पर यातायात का मार्ग बदला गया. यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ सबसे पहले भारी वाहनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया और उन्हें वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया गया. हमारे कर्मी उन स्थानों पर तैनात थे जहां जाम की सूचना थी ताकि यात्रियों को कई परेशानी न हो.”
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग जाने वाली सभी गाड़ियों का मार्ग बदल कर उन्हें कालिंदी कुंज होते हुए जीबी बिड़ला मार्ग पर भेजा गया और फिर उन्हें क्राउन प्लाज़ा की ओर भेजा गया. अधिकारी ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन के जारी रहने के बावजूद गाड़ियों की आवाजाही के लिए एक तरफ की सड़क को खोले रखा गया था जबकि अन्य वैकल्पिक मार्ग मथुरा रोड होते हुए था.
अधिकारी ने कहा, “ हालात अब काबू में हैं और गाड़ियों की सामान्य आवाजाही हो रही है.” एक अधिकारी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के बाद एसडीएमसी के अधिकारी बुलडोज़र के साथ लौट गए थे और उन्होंने तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया.
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