Delhi Vegetables Price: दिल्ली में आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, जानें क्यों?
बेतहाशा बढ़ रही सब्जियों की कीमतों पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है, इसका पता लगाने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम दिल्ली देहात के किसानों के पास पहुंची, जहां उन्होंने सब्जियों की इस बढ़ी हुई कीमतों के पीछे के कारणों का खुलासा किया.
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View In Appहालांकि, आसमान छूती सब्जियों की कीमतों का किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है, फिर क्यों बढ़ रही हैं सब्जियों की कीमतें बताएंगे इस पूरी खबर में.
सबसे पहले तो आपको बता दें कि आज बाजारों में कोई भी सब्जी 60 रुपये से कम में नहीं बिक रही है ,जबकि हर दिन इस्तेमाल होने वाला आलू-प्याज भी खुदरा बाजार में 50 रुपये प्रति किलो के आसपास बिक रहा है.
एबीपी न्यूज़ की टीम से बात करते हुए पल्ला गांव के किसानों ने बताया कि आसमानी आफत यानी बेइंतहां गर्मी की वजह से खेतों में लगी सब्जी की आधी फसलें खराब हो गई हैं. इसी वजह से बाजारों तक पहुंचते-पहुंचते सब्जियां महंगी हो जा रही हैं.
उन्होंने बताया कि सब्जियों की फसलों के खराब होने के बावजूद वे दिल्ली की सबसे बड़ी सब्जी मंडी के व्यापारियों को महज 20 से 25 रुपये की दर से ही बेचते हैं, वे आगे खुदरा व्यापारियों को 40 से 50 रुपये की कीमत पर सब्जी बेचते हैं, जो मांग के अनुसार लोगों के घरों तक पहुंचते-पहुंचते 70 से 80 रुपये किलो तक हो जाती है.
इसमें सबसे ज्यादा मुनाफा थोक और खुदरा सब्जी विक्रेता कमा रहे हैं. इस बढ़ी हुई कीमतों का उन्हें कोई फायदा नहीं मिल रहा है.
दिल्ली के पल्ला गांव, अख़बरपुर माजरा, झंगोला, बख्तावरपुर, रमजानपुर, मोहम्मदपुर और हिरण की गांव समेत दर्जनों गांव में जो सब्जी की फसलें लगी हैं, उनमें ज्यादातर करेला, तोड़ी, भिंडी, लौकी, लोबिया, चकाई और टमाटर की फसलें हैं.
इनमें ज्यादातर किसान करेला, तोड़ी, भिंडी और लोबिया की फसल हैं. किसान खेतों से फसलों को तोड़कर सब्जियों को तय कीमतों- जैसे करेला 20 रुपये प्रति किलो, तोड़ी 25 रुपये, भिंडी 25 रुपये और लोबिया 40 रुपये प्रति किलो के अनुसार आजादपुर मंडी में थोक विक्रेताओं को बेचते हैं.
जहां से मंडी के बड़े व्यापारी इस सब्जी को दोगुनी कीमतों में जैसे- करेला 60 रुपये प्रति किलो, तोड़ी 40 रुपये, भिंडी 40 रुपये और लोबिया 60 रुपये प्रति किलो छोटे दुकानदारों को बेचते हैं.भीषण गर्मी में फसलों को नुकसान पहुंचने के बाद भी किसान सस्ती कीमतों पर ही सब्जियों को थोक व्यापारियों को बेच रहे हैं.
इतनी मेहनत से फसलों को उपजने वाले किसानों को आज भी इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है, जबकि सब्जियों के बड़े और छोटे व्यापारी उन्हीं सब्जियों को बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. यही कारण है कि सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं और आम आदमी परेशान हो रहा है.
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