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Dwarkadhish Temple: 2 हजार साल पुराना है द्वारका का जगत मंदिर, मथुरा छोड़ने के बाद यहीं बस गए थे भगवान श्री कृष्ण
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जानिए द्वारिकाधीश मंदिर का इतिहास
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![Dwarkadhish Temple: भारत में श्री कृष्ण के अनेकों भव्य और खूबसूरत मंदिर है. जिनमें भक्तों की गहरी आस्था है. लेकिन द्वारका का जगत मंदिर इनमें सबसे प्राचीन माना जाता है. कहा जाता है कि ये मंदिर करीब 2 हजार साल पुराना है और इसका इतिहास भी बहुत ही रोचक है. इसलिए इस रिपोर्ट में हम आपको मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.....](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/29f5517afc7f4a23c8e240dc5f717ea0b2e85.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Dwarkadhish Temple: भारत में श्री कृष्ण के अनेकों भव्य और खूबसूरत मंदिर है. जिनमें भक्तों की गहरी आस्था है. लेकिन द्वारका का जगत मंदिर इनमें सबसे प्राचीन माना जाता है. कहा जाता है कि ये मंदिर करीब 2 हजार साल पुराना है और इसका इतिहास भी बहुत ही रोचक है. इसलिए इस रिपोर्ट में हम आपको मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.....
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![द्वारका को श्री कृष्ण की नगरी कहा जाता है. क्योंकि जब श्री कृष्ण ने मथुरा छोड़ा तो यहीं आकर अपना नगर बसाया था. जिसमें उन्होंने खुद के लिए 'हरि गृह' नामक एक महल भी बनाया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/5bbac0b1843f3c7a99a0955259755b406b066.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
द्वारका को श्री कृष्ण की नगरी कहा जाता है. क्योंकि जब श्री कृष्ण ने मथुरा छोड़ा तो यहीं आकर अपना नगर बसाया था. जिसमें उन्होंने खुद के लिए 'हरि गृह' नामक एक महल भी बनाया था.
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![ये महल ही आज जगत मंदिर के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा मंदिर को द्वारिकाधीश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/2fd460d214c3faa8bc3a16b18e9ea8798899e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ये महल ही आज जगत मंदिर के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा मंदिर को द्वारिकाधीश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
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![मान्यता के अनुसार सबसे पहले ये मंदिर श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने बनवाया था. लेकिन मंदिर को वर्तमान स्वरूप 16वीं शताब्दी में प्राप्त हुआ.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/a63ea2a65ed7c347d05542238e7879ef4f696.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मान्यता के अनुसार सबसे पहले ये मंदिर श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने बनवाया था. लेकिन मंदिर को वर्तमान स्वरूप 16वीं शताब्दी में प्राप्त हुआ.
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![बताया जाता है कि इस भव्य मंदिर में दो द्वार हैं जिनमें से एक स्वर्गद्वार और दूसरे को मोक्ष द्वार कहां जाता है. वहीं मंदिर की पूर्व दिशा में दुर्वासा ऋषि का मंदिर और दक्षिण में जगद्गुरु शंकराचार्य का शारदा मठ बना हुआ है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/2faa27fbe4e71f14a9c866ac8695899f60b78.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बताया जाता है कि इस भव्य मंदिर में दो द्वार हैं जिनमें से एक स्वर्गद्वार और दूसरे को मोक्ष द्वार कहां जाता है. वहीं मंदिर की पूर्व दिशा में दुर्वासा ऋषि का मंदिर और दक्षिण में जगद्गुरु शंकराचार्य का शारदा मठ बना हुआ है.
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![साथ ही आपको ये भी बता दें कि इस मंदिर में कुशेश्वर शिव मंदिर भी है जिसके दर्शन के बिना तीर्थ यात्रा पूरी नहीं होती. कहा जाता है कि इस कुशेश्वर शिव मंदिर में भगवान श्री विक्रम ने कुश नाम के राक्षस का मारा था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/01/01aa98bfa68482dc525a4f7afd7b0daaae6ff.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
साथ ही आपको ये भी बता दें कि इस मंदिर में कुशेश्वर शिव मंदिर भी है जिसके दर्शन के बिना तीर्थ यात्रा पूरी नहीं होती. कहा जाता है कि इस कुशेश्वर शिव मंदिर में भगवान श्री विक्रम ने कुश नाम के राक्षस का मारा था.
Published at : 01 Jun 2022 05:28 PM (IST)
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