Mahabat Khan Maqbara: देखिए ताजमहल जैसे सुंदर दिखने वाले जूनागढ़ के महाबत मकबरे की तस्वीरें, हैरान कर देगा गुम्बदों का नजारा
महाबत खान का मकबरा जूनागढ़ के मुल्लावाड़ा इलाके में स्थित है. जूनागढ़ जंक्शन से इसकी दूरी महज एक किलोमीटर है. इसे बहादुरुद्दीनभाई हसनभाई का मकबरा भी कहा जाता है. यह गुजरात के ऐतिहासिक स्मारकों और जूनागढ़ में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों में से एक है.
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View In Appमहाबत खान के मकबरे का निर्माण 1878 सीई में महाबत खानजी द्वारा शुरू किया गया था और 1892 सीई में उनके उत्तराधिकारी बहादुर कांजी द्वारा पूरा किया गया था. महल परिसर में जूनागढ़ के छठे नवाब महाबत खान द्वितीय और नवाब रसूल खानजी के मंत्री बहादुरुद्दीनभाई हसनभाई की कब्रें हैं.
महाबत मकबरा परिसर में ये दोनों मकबरे कला और वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरण हैं.
महाबत मकबरा या महाबत खान का मकबरा इंडो-इस्लामिक, यूरोपीय और गॉथिक वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. इसे बहादुर खान III द्वारा अपने पिता महाबत खान II के लिए बनाया गया था.
स्मारकों की सबसे खास विशेषता इसकी फर्श से लिंटेल की फ्रेंच खिड़कियां और चांदी के भीतरी दरवाजों के साथ गॉथिक स्तंभ हैं. इसमें गॉथिक शैली में निर्मित स्तंभों द्वारा बल्बनुमा गुंबदों का एक जटिल समूह भी है. इसे देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे.
महाबत मकबरा के बाईं ओर विस्तृत रूप से डिजाइन किया गया बहाउद्दीन मकबरा, वज़ीर बहादुरुद्दीन भाई हसनभाई का मकबरा है. इसका निर्माण शेख बहाउद्दीन ने 1891-1896 ई. की अवधि के दौरान अपने स्वयं के धन से किया था. पहली बार इसे देखने पर ये बिलकुल ताजमहल जैसा दिखता है. इसमें बनी बुलबुले जैसी ढेरों गुंबद और चार मीनार पर बनी गोलाकार सीढ़ियां इसे और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती है.
इन मीनारों में खूबसूरत पत्थर की नक्काशी और बड़े चांदी के दरवाजे हैं. मकबरा के अंदर कई हवेली भी मौजूद हैं जिनमें कुछ बेहतरीन लकड़ी की नक्काशी शामिल हैं. ये नक्काशी गुजरात की घरेलू वास्तुकला से मिलते जुलते हैं.
महाबत मकबरा घूमने का सबसे अच्छा समय: महाबत मकबरा घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर और फरवरी के बीच का है.
महाबत मकबरा में घूमने के लिए आपको टिकट लेने की जरुरत नहीं है, क्योंकि यहां प्रवेश निशुल्क है.
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