Khambhalida Buddhist Caves: राजकोट की इन गुफाओं में बौद्ध भिक्षुओं ने लगाया था ध्यान, तस्वीरों में देखें चौथी शताब्दी का इतिहास
खंभालिदा बौद्ध गुफाएं (Khambhalida Buddhist Caves), जिन्हें राजकोट गुफा (Rajkot Caves) के नाम से भी जाना जाता है. ये तीन बौद्ध गुफाओं का एक समूह है. ये गुजरात के राजकोट जिले में गोंडल शहर के पास स्थित हैं. इनकी खोज 1958 में प्रसिद्ध पुरातत्वविद् पी.पी. पांड्या ने की थी. तीन गुफाओं में से मध्य गुफा का नाम चैत्य है. Photo- Gujarat Tourism
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View In Appखंभालिदा बौद्ध गुफाएं (Khambhalida Buddhist Caves) चौथी शताब्दी ईस्वी पूर्व की हैं. माना जाता है कि यह राजकोट की सबसे पुरानी गुफाएं हैं. गुजरात के पुरातत्व विभाग द्वारा खंभालिदा बौद्ध गुफाओं का रखरखाव किया जा रहा है. Photo- Gujarat Tourism
केंद्रीय गुफा को 'चैत्य गृह' कहा जाता है. ये एक स्तूप है. इस गुफा के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दो बोधिसत्व मूर्तियां हैं. Photo- Gujarat Tourism
ये जटिल नक्काशीदार मूर्तियां कुषाण-क्षतपा काल के अंत के समान हैं. ऐसा माना जाता है कि बौद्ध भिक्षुओं ने प्राचीन काल में इन गुफाओं के अंदर ध्यान किया था. Photo- Gujarat Tourism
मुख्य खंभालिदा गुफाओं के आसपास 15 अन्य गुफाएं हैं. यात्री इन्हें अपनी यात्रा का हिस्सा बना सकते हैं. Photo- Gujarat Tourism
खंभालिदा बौद्ध गुफाओं में जाने का सबसे अच्छा समय: खंभालिदा गुफाओं की यात्रा के लिए अप्रैल और अक्टूबर बेहतर माना जता है. क्योंकि इस महीने में घूमने के लिए मौसम अनुकूल माना जाता है. इन महीनों में पर्यटन गतिविधि भी काफी देखी जाती है. Photo- Gujarat Tourism
आज भी यहां आध्यात्मिक के अहसास को महसूस किया जा सकता है. Photo- Gujarat Tourism
कैसे पहुंचें खंभालिदा बौद्ध गुफा: खंभालिदा बौद्ध गुफाएं (Khambhalida Buddhist Caves) गोंडल से 28 किमी और राजकोट से लगभग 65 किमी की दूरी पर स्थित हैं. गुफाएं एक झरने के किनारे, छोटी पहाड़ियों की तलहटी में स्थित हैं. इन गुफाओं तक पहुंचने का सबसे सुविधाजनक तरीका राजकोट से टैक्सी या बस लेना है. राजकोट सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और यहां राज्य परिवहन की बसें हैं जो नियमित रूप से गुजरात के अन्य शहरों के लिए चलती हैं. Photo- Gujarat Tourism
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