Nageshwar Jyotirlinga Temple: सावन के महीने में करेंगे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो मिल जाएगी सभी पापों से मुक्ति, जानिए मंदिर का इतिहास
Nageshwar Jyotirlinga Temple: सावन (Sawan 2022) के महीने की शुरुआत हो चुकी है और शिवभक्तों की शिवालयों में बड़ी भीड़ उमड़ रही है. पावन महीने में भगवान शिव की भक्ति का बड़ा महत्व है. आज आपको बताएंगे एक ऐसे ज्योतिर्लिंग के बारे में जहां मान्यता है कि दर्शन करने से तमाम पापों का अंत हो जाता है. बात कर रहे हैं नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग देश के सबसे खूबसूरत मंदिरों में शुमार किया जाता है. मंदिर परिसर में ही भोलेनाथ की 80 फीट ऊंची प्रतिमा बेहद भव्य दिखाई देती है. इस प्रतिमा में भगवान शिव पद्मासन की मुद्रा में हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में दसवां स्थान नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का है और इस धाम की बड़ी महिमा मानी जाती है.
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View In Appशिव पुराण में भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का जिक्र किया गया है. मान्यता है कि सावन के महीने में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से ना सिर्फ बड़ा पुण्य मिलता है बल्कि भक्त शिवधाम को प्राप्त होता है.
गुजरात में द्वारकाधाम से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद ये धाम करीब ढाई हजार वर्षों पुराना बताया जाता है.
पुराणों में जिक्र है कि प्राचीन काल में गुजरात प्रांत में वैश्य जिसका नाम सुप्रिय था, वो बड़ा शिवभक्त था. सुप्रिय दिन की शुरुआत भगवान शिव की पूजा से करता था. वहीं एक राक्षस जिसका नाम दारुक था वो सुप्रिय को बेहद परेशान करता था. एक बार सुप्रिय को राक्षस ने कैद कर लिया.
लेकिन कैद में भी सुप्रिय ने भगवान शिव की आराधना जारी रखी. दारुक को ये बात बर्दाश्त नहीं हुई तो उसने सुप्रिय को खत्म करने की ठान ली. लेकिन दारुक बिल्कुल नहीं डरा और भगवान शिव की आराधना जारी रखी.
इसके बाद भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और सुप्रिय को पाशुपतास्त्र देकर दारुक का वध करने को कहा. इसके बाद सुप्रिय सभी बंधनों से मुक्त होकर शिवधाम को प्राप्त हुआ.
इसी स्थान पर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई थी. मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए पुरुषों का धोती पहन कर आना जरूरी है. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें तो इस धाम की कथा भी जरूर सुनें
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