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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat: 12 ज्योतिर्लिंगों में पहले स्थान पर आता है Somnath Temple, इस बार महाशिवरात्रि यहां जरूर जाएं
सोमनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम स्थान पर आता है ये गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह के निकट स्थित है. इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि स्वयं चंद्रदेव ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी. सोमनाथ नाम पड़ने के पीछे कारण यह है कि चंद्रमा का एक नाम सोम भी है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा. आपको बता दें कि इस बार 1 मार्च को भगवान शिव का प्रमुख पर्व महाशिवरात्रि आ रहा है तो आप यहां के दर्शन कर सकते हैं.
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View In Appसोमनाथ मंदिर देश के प्राचीनतम तीर्थस्थानों में से एक है और इसका उल्लेख स्कंदपुराण, श्रीमद्भागवत गीता, शिवपुराणम आदि प्राचीन ग्रंथों में भी किया गया है.यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है इसका शिखर 150 फुट ऊंचा है. आश्चर्य की बात है कि शिखर पर स्थित कलश का भार दस टन है.
गुजरात के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर की महिमा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक फैली हुई है. इसकी प्रसिद्द्धि इतनी थी कि अरब यात्री अल बरूनी ने अपने यात्रा वृतान्त में इसका विवरण लिखा, जिससे प्रभावित होकर महमूद ग़ज़नवी ने सन 1026 में सोमनाथ मंदिर पर हमला किया.
इतिहासकारों की मानें तो इस मंदिर को 17 बार नष्ट किया गया और हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया. बताया जाता है सोमनाथ के देवद्वार को महमूद गजनी लूटपाट के बाद अपने साथ ले गया था और आगरा के किले में रखवा दिए थे.
जब सन 1297 में दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर क़ब्ज़ा किया तो सोमनाथ मंदिर को फिर से गिराया गया. सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और विनाश यह सिलसिला जारी रहा. इस समय जो मंदिर खड़ा है उसे भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया और 1 दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया.
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