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BJP-कांग्रेस को हिसार में हराने वालीं सावित्री जिंदल का बड़ा फैसला, इस पार्टी को दिया समर्थन
Haryana Election Results 2024: टिकट ना मिलने पर निर्दलीय ही हिसार से मैदान में उतर गईं सावित्री ने अब बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है. उन्होंने अब सत्तारूढ़ होने जा रही पार्टी को अपना समर्थन दिया है.
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हरियाणा की हिसार सीट से बीजेपी ने इस बार सावित्री जिंदल को टिकट नहीं दिया. वो टॉर्च निशान के साथ निर्दलीय मैदान में उतरीं और जीत गईं.
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
सावित्री जिंदल ने अपने सांसद बेटे नवीन जिंदल के साथ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान और सांसद बिप्लव देब से दिल्ली में मुलाकात की. इस मुलाकात में बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया.
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74 वर्षीय सावित्री जिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास राणा को 18,941 वोटों के अंतर से हराया. उन्हें 49,231 वोट मिले. बीजेपी के प्रत्याशी कमल गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे.
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
सावित्री जिंदल ने पति के निधन के बाद 2005 में जिंदल ग्रुप की कमान संभाली थी. वहीं, मां की जीत के बाद बेटे नवीन जिंदल ने जीत का निशान दिखाते हुए तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी.
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वो देश की सबसे अमीर महिला हैं और पांचवीं सबसे अमीर भारतीय हैं. उनकी कुल संपत्ति 36.3 बिलियन डॉलर है.
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सावित्री जिंदल की कंपनी स्टील और बिजली उत्पादन, खनन और बंदरगाह जैसे व्यवसायों से जुड़ी हुई है.
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सावित्री जिंदली ने 2005 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता था और 2009 में अपनी जीत को दोहराया था.
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सावित्री जिंदल हुड्डा सरकार में मंत्री भी रही हैं. हालांकि इसी साल अपने बेटे नवीन जिंदल के बाद उन्होंने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. लेकिन टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए निर्दलीय ही चुनाव लड़ा.
Published at : 09 Oct 2024 04:02 PM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion