Shimla Famous Places शिमला की ये जगहें आपकी ट्रिप को बनाएगी यादगार, परिवार-दोस्तों के साथ घूमने के लिए ये स्पॉट हैं खास
विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान पर्यटन राज्य के रूप में है. प्रदेश की राजधानी शिमला में हर साल लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. यहां घूमने के लिए कई जगह हैं. रिज मैदान शिमला की पहचान है. रिज पर बना क्राइस्ट चर्च शिमला के लैंडमार्क के तौर पर देखा जाता है. यहां घूमने के लिए आने वाले पर्यटक रिज पर बने क्राइस्ट चर्च के सामने तस्वीर जरूर खिंचवाते हैं. शिमला से 10 किलोमीटर की दूरी पर ही क्राइस्ट चर्च नजर आ जाता है. पहाड़ी इलाके की समतल जगह को रिज कहा जाता है. यहां से बारिश का पानी बहकर बंगाल की खाड़ी और अरब सागर तक पहुंचता है.
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View In Appमालरोड यानी पैदल घूमने वाली जगह है. लगभग सभी पर्यटन स्थलों पर माल रोड बने हुए हैं, लेकिन शिमला का माल रोड विश्व भर में प्रसिद्ध है. शिमला माल रोड पर बनी ब्रिटिश शासन काल के दौरान की इमारतें हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं. शाम के समय मालरोड का नजारा और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है. शिमला माल रोड यहां घूमने वाले लोगों को लंदन की गलियों का एहसास दिलाता है. माल रोड पर ही ऐतिहासिक गेयटी थिएटर और टाउन हॉल यहां के दर्शनीय स्थल हैं.
हिमाचल राज्य संग्रहालय शिमला एक पुरानी विक्टोरियन हवेली इनवरम में है. इसे संग्रहालय में बदलने के लिए सावधानी से बदल दिया गया था. इनवरम साल 1860 की शुरुआत में मिट्टी की छत वाला एक छोटा-सा घर था और जनरल इनेस का था, जो बाद में सिरमौर के शासक के स्वामित्व में आया. शिमला राज्य संग्रहालय में भारतीय संविधान की हिंदी प्रति भी मौजूद है. इसके अलावा यहां कई ऐसी चीजें भी संजो कर रखी गई हैं, जिनका संबंध देश-प्रदेश के इतिहास के साथ है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज यह संस्थान जिस भवन में है, वह मूल रूप से 1884-1888 से भारत के वाइसराय लॉर्ड डफरीन के घर के रूप में बनाया गया था और उसे वाइसरेगल लॉज कहा जाता था. इसमें भारत के सभी बाद के वाइसराय और गवर्नर जनरल थे. आईआईएएस एक शोध संस्थान है. यह 1964 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया था. वाइस रीगल लॉज मालरोड से 3 किलोमीटर की पैदल दूरी पर चौड़ा मैदान में है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज में भारत से जुड़ी पुरानी चीजों को संजो कर रखा गया है. यहां का खूबसूरत पार्क भी दर्शन योग स्थल है.
शिमला के जाखू में स्थित हनुमान मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है, जहां देश-विदेश से लोग दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे. तब संजीवनी की खोज के दौरान भगवान हनुमान ने यहां कुछ देर के लिए आराम किया था. जाखू मंदिर में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति भी स्थापित की गई है. शिमला में प्रवेश करते ही यह मूर्ति कई किलोमीटर दूर से ही नजर आ जाती है. जाखू मंदिर में भगवान हनुमान की चरण पादुका भी हैं.
मां तारा देवी मंदिर शिमला शहर के एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जो शिमला शहर के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की हर एक मनोकामना को मां तारा देवी पूरा करतीं हैं. तारा देवी मंदिर तक पहुंचने का सफर बेहद रोमांचक है. सरपीली सड़कों पर पहाड़ को चीरते हुए गाड़ी मां तारा रानी के दरबार पर पहुंचती है. तारा देवी से शिमला का खूबसूरत नजारा भी दिखता है.
चायल पैलेस अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. ब्रिटिश राज के दौरान पटियाला के महाराजा द्वारा ग्रीष्मकालीन वापसी के रूप में महल का निर्माण किया गया था. चायल सोलन के साथ शिमला जिला मुख्यालय के साथ जुड़ा हुआ है. यह शिमला से 49 किलोमीटर और सोलन से 38 किलोमीटर दूर है. यहां पैलेस के अलावा क्रिकेट ग्राउंड, काली टिब्बा और हनुमान मंदिर भी दर्शनीय हैं.
कुफरी शिमला से 20 किमी दूर स्थित है. कुफरी नाम स्थानीय भाषा में कुफ्र शब्द 'झील' शब्द से लिया गया है. यह फागू, शिमला, मनाली और रेवलसर के लिए ट्रेक का प्रारंभिक बिंदु है. कुफरी, चायल और शिमला के साथ हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध स्वर्ण त्रिभुज का निर्माण करते हैं. शिमला घूमने के लिए आने वाले पर्यटक कुफरी का रुख जरूर करते हैं. बर्फबारी के दौरान यहां पर्यटकों की भारी भीड़ लग जाती है.
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