Amarnath Yatra 2022: जून में शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, जानिए बाबा बर्फानी के इस धाम से जुड़े बेहद चौंकाने वाले रहस्य
Amarnaath Yatra 2022: करीब दो साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बाबा बर्फानी के भक्तों की इच्छा पूरी होने वाली है. दरअसल इस बार फिर से अमरनाथ यात्रा के लिए मंजूरी दी जा चुकी है. 30 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होगी और कोविड प्रोटोकॉल के साथ 43 दिनों तक अमरनाथ यात्रा चलेगी. बाबा अमरनाथ की गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग तैयार हो जाता है. इस चमत्कार के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त अमरनाथ यात्रा का हिस्सा बनते हैं. आज आपको बताते हैं कि यात्रा से जुड़ी कुछ अनजानी बातें.
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View In Appहिमालय की गोद में स्थित बाबा अमरनाथ की गुफा चमत्कारिक मानी जाती है. गुफा के बारे में बात करें तो ये 19 मीटर लंबी, 16 मीटर चौड़ी और इसकी ऊंचाई 11 मीटर है.
बाबा अमरनाथ की गुफा में प्राकृतिक तरीके से बर्फ का शिवलिंग तैयार होता है. इसलिए इसे भक्त स्वयंभू हिमानी शिवलिंग और बाबा बर्फानी के नाम से भी पुकारते हैं.
मान्यता है कि ये दुनिया में अकेला ऐसा शिवलिंग है जिसका आकार चंद्रमा की रोशनी के आधार पर तय होता है. सावन में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ये शिवलिंग पूरा हो जाता है. फिर अमावस्या तक इसके आकार में कमी आती जाती है.
मान्यता है कि शिवलिंग को एक मुस्लिम शख्स ने खोजा था. बूटा मलिक नाम के मुस्लिम गडरिए ने शिवलिंग को खोजा था. आज भी उसके वंशजों को चढ़ावे और दान की राशि का एक हिस्सा दिया जाता है.
गुफा की छत पर इकट्ठा हुआ पानी बूंद-बूंद कर गुफा के अंदर गिरता है. जिससे इस शिवलिंग का निर्माण होता है. ये शिवलिंग ठोस बर्फ से तैयार होता है. आश्चर्य की बात ये है कि गुफा के अंदर बाकी बर्फ काफी हल्की होती है जो हाथों में उठाते ही पानी में तब्दील हो जाती है.
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