Jammu Kashmir News: कश्मीर की बर्फिली वादियों में Indian Air Force, Navy & Army ने की हेलीबोर्न एक्सरसाइज, तस्वीरें देख रौंगटे खड़े हो जाएंगे
इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय सेना काफी मुश्किल परिस्थितियों में दुश्मनों से लोहा लेती है. अक्सर बर्फ से ढके पहाडों पर सेना को बॉर्डर पार के दुश्मनों का डटकर मुकाबला करना पड़ता है. बर्फ से ढके इलाकों में इंडियन स्पेशल फोर्स के कमांडोज कैसे ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाते हैं इसे लेकर सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने गुलमर्ग की ठंड से कंपा देने वाली वादियों में मंगलावर को हेलीबोर्न एक्सरसाइज की. इतनी ठंड में सेना का ये अभ्यास रौंगटे खड़े कर देने वाला है.
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View In Appगौर करने वाली बात ये है कि कश्मीर के काफी उंचाई वाले इलाकों में सेना द्वारा की गई ये पहली ट्राइ-सर्विस एक्सरसाइज थी. इसमें थलसेना के पैरा-एसएफ और नौसेना के मारकोज़ कमांडोज़ ने हिस्सा लिया. इस दौरान युद्धभ्यास के लिए वायुसेना के अटैक हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया था.
श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल इमरोन मौसवी के मुताबिक, इस हेलीबॉर्न एक्सरसाइज का मकसद एयर-डिफेंस और इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर वातावरण में सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त क्षमताओं को एक टास्क फोर्स के जरिए बिहाइंड द एनेमी लाइंस आजमाना था.
चिनार कोर ने कश्मीर घाटी के उंचाई वाले इलाकों में इस युद्धभ्यास को अंजाम दिया .
चिनार कोर (15वीं कोर) के मुताबिक हेलीबॉर्न एक्सरसाइज को 9000 फीट की उंचाई पर बर्फीले इलाकों में किया गया. इसके लिए थलसेना के इंफेंट्री सैनिक, पैरा-एसएफ कमांडोज़ और नौसेना के मारकोज़ यानि मरीन कमांडोज़ ने युद्धभ्यास में हिस्सा लिया.
हेलाकॉप्टर के जरिए कमांडोज़ को एक बर्फीली इलाके में ड्रॉप किया गया. इस एक्सरसाइज के ट्रांसपोर्ट के लिए थलसेना और भारतीय वायुसेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर सहित कई चॉपर्स का इस्तेमाल किया गया. जानकारी के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर यानि अगर दुश्मन हेलीकॉप्टर्स इत्यादि की फ्रीकवंसी जाम इत्यादि करने की कोशिश करता है तो कैसे ऑपरेशन करना है उसको भी 'वेलिडेट' किया गया.
लेफ्टिनेंट कर्नल इमरोन मौसवी के मुताबिक, इस एक्सरसाइज के जरिए हाई ऑल्टिट्यूड इलाकों में मार्डन बैटलफील्ड में वायुसेना और नौसेना की 'सिनेर्जी' के साथ चिनार कोर और भारतीय सेना की क्षमताओं को सफलतापूर्वक अजमाया गया.
जानकारी के लिए बता दें कि सेना के तीनों अंगों के स्पेशल फोर्सेज़ की इस एक्सरसाइज़ को छाछरो दिवस की स्वर्ण जयंती दिवस के दिन ही किया गया था. 1971 के युद्ध के दौरान 7 दिसम्बर को भारतीय सेना की 10 पैरा यूनिट ने ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह के नेतृत्व में पाकिस्तान के सिंध इलाके में छाछरो शहर में सर्जिकल स्ट्राइक कर कब्जा कर लिया था।. बिहाइंड द एनेमी लाइंस की तर्ज पर हुए इस हमले ने पाकिस्तान को भौचक्का कर दिया था.
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