Jammu Kashmir: कोरोना के बाद श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन फिर से हुआ गुलजार, पर्यटकों की उमड़ी भीड़
एशिया (Asia) का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन (Tulip Garden) आज यानि बुधवार से पर्यटकों (Tourists) के लिए खोल दिया गया. दुनिया का स्वर्ग (Heaven) कहे जाने वाला यह ट्यूलिप गार्डन श्रीनगर (Srinagar) के ज़बरवान रेंज (Zbarwan Range) की तलहटी में 30 एकड़ में फैला हुआ है. इस गार्डन को आमतौर पर सिराज बाग (Siraj Bagh) के नाम से जाना जाता था, लेकिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इसे इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन (Indira Gandhi Memorial Tulip Garden) के नाम से जाना जाता है. 2008 में फूलों की खेती और प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे खोल दिया गया था, इसका उद्घाटन उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) ने किये था.
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View In Appश्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन में 60 से अधिक किस्म के लगभग 15 लाख से अधिक ट्यूलिप समेटे हुए है. इस गार्डन में ट्यूलिप के अलावा जलकुंभी, डैफोडील्स और रेनकुलस के पौधे भी हैं. जो इसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.
बसंत में घाटी में मौसम सुहाना हो जाता है, इसी दौरान ट्यूलिप गार्डन में फूल खिलने शुरू हो जाते हैं. ट्यूलिप गार्डन में खिले फूलों की अलौकिक सुंदरता देख पर्यटक खींचे चले आते हैं. इस समय घाटी में यह पर्यटन के पीक सीजन की शुरुआत माना जाता है. पिछले साल यहां 2 लाख से अधिक पर्यटक घूमने आये थे.
ज़बरवान रेंज और डल झील के समीप स्थित इस गार्डन को के पास और भी कई कई खूबसूरत जगहें हैं. ज़बरवान पहाड़ी के ऊपर हिस्से में सीढ़ीनुमा आकार में 7 टैरेस पर बनाया गया एक और गार्डन, जिसे परी महल या पैलेस ऑफ़ फेरीस के नाम से जाना जाता है. हालांकि इस बार तेज ठंड, बारिश और बर्फबारी के कारण फूलों के खिलने में देरी हुई है.
कोरोना महामारी ने पूरे दुनिया के लोगों को प्रभावित किया, इस दौरना ट्यूलिप गार्डन भी इससे अछूता नहीं रहा. यही कारण था कि, इसे पिछले साल बंद रखा गया था. हालांकि इस बार यहां आने वाले पर्यटकों की कोरोना से बचाव के लिए, कोविड प्रोटोकॉल लागू किया गया है. इस बार गार्डन में जगह-जगह तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों पर्यटकों में संक्रमण की जांच कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यटकों से आग्रह करते हुए कहा कि, जब भी आपको अवसर मिले, जम्मू और कश्मीर की यात्रा करें और सुंदर ट्यूलिप फेस्टिवल देखें. इस दौरान आप ट्यूलिप के अलावा जम्मू कश्मीर के लोगों की पुरजोश मेहमाननवाजी भी देखेंगे.
ट्यूलिप गार्डन की के बारे में आईएएस अधिकारी शाहिद चौधरी सोशल मीडिया बताते हैं कि, इस ट्यूलिप गार्डन को सजाने सवारने के लिए 50 से ज्यादा माली पूरे महीने इसकी देखभाल करते हैं. ट्यूलिप गार्डन के खुलने के पहले ही दिन यहां लोगों की भारी भीड़ दिखी
वैसे यह आमतौर पर अप्रैल माह में खोला जाता था, लेकिन कोरोना के कारण चरमराई पर्यटन अर्थव्यवस्था को पत्रों पर लाने के लिए समय से पहले खोला गया है. यही कारण है कि, इस बार ट्यूलिप के फूल ढ़ंग से नहीं खिले हैं. इन फूलों के बेहतर ढंग से विकसित न होने के पीछे, अधिकारी मौसम के उथलपुथल को भी मानते हैं.
कोरोना को देखते हुए इस बार इस बार ट्यूलिप गार्डन में प्रवेश के लिए ई-टिकटिंग की भी सुविधा उपलब्ध है. गार्डन के खुलने से पर्यटन और होटल व्यवसाय, शिकारा कारोबार से जुड़े लोगों को बहुत उम्मीद है, क्यों की कोरोना के कारण उनका रोजगार ठप पड़ा था.
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