Vaishno Devi: माता वैष्णो देवी जाए तो आस-पास के इन मंदिरों में भी करें दर्शन, मन को मिलेगी शांति
हिंदू मान्यता के अनुसार माता वैष्णो देवी मंदिर शक्ति को समर्पित पवित्रत हिन्दू मंदिरों में से एक है. इस धार्मिक स्थल की आराध्य देवी, वैष्णो देवी को सामान्यतः माता रानी और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है. यहां माता के दर्शन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. ऐसा कहा जाता है कि कटड़ा में स्थित वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण लगभग 700 साल पहले एक ब्राह्मण पुजारी पंडित श्रीधर द्वारा कराया गया था. मंदिर 5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर, कटरा से लगभग 12 किलोमीटर (7.45 मील) की दूरी पर स्थित है. बहुत से लोग सिर्फ माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करके वापस लौट आते हैं. ऐसे में हम आज आपको ये बताने जा रहे हैं कि अगर आप भी माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाएं तो कटड़ा के आस-पास कई और प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां आप जा सकते हैं. आइये जानते हैं वे कौन-कौन से मंदिर हैं?
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View In Appसिहाड़ बाबा मंदिर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) के रियासी (Reasi) में स्थित सिहाड़ बाबा (Siar Baba Temple) मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है. माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Temple) दर्शन के दर्शन के बाद आप यहां जा सकते हैं. सिहाड़ बाबा के पास एक झरना भी है, जो लगभग 20 मीटर ऊंचा है. शांति वाला समय बिताने के लिए ये जगह अच्छी है.
बाबा धनसर मंदिर: बाबा धनसर (Baba Dhansar) का मंदिर भी जम्मू-कश्मीर के रियासी में स्थित है. बाबा धनसर भगवान शिव के शेषनाग के मानव रूप वासुदेव के पुत्र माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव माता पार्वती को अपने अमर होने का ज्ञान देने अमरनाथ गए थे, यहां से जब वो निकले तो उनका शेषनाग अनंतनाग में ही रह गया. यह मंदिर कटड़ा से 17 किमी दूर है. मंदिर में 200 मीटर नीचे जाकर बाबा धनसर के दर्शन होते हैं.
नौ देवी मंदिर: नौ देवी मंदिर (Nau Devi Mandir) जम्मू-कश्मीर में कटरा (Katra) से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यानी आसानी से आप माता वैष्णो देवी का दर्शन करने के बाद यहां जा सकते हैं. इस मंदिर को वैष्णो देवी दरबार जैसा बनाया गया है. इस मंदिर में एक गुफा है, कहते हैं इस गुफा को मोटे से मोटा आदमी भी पार कर सकता है.
बाबा जित्तो मंदिर: बाबा जित्तो (Baba Jitto) का मंदिर जम्मू शहर से 15 किलोमीटर दूर झिड़ी गांव में स्थित है. यहां हर साल मेला भी लगता है. बाबा जित्तो एक किसान थे और मां वैष्णो के बहुत बड़े भक्त थे. ऐसा माना जाता है कि उनकी भक्ति को देखते हुए माता वैष्णो देवी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था. बाबा जित्तो ने अपने लिए कुछ न मांगते हुए, पूरे गांव के लोगों के लिए खेतों में पानी की मांग की. माता ने आशीर्वाद के रूप में ऐसी व्यवस्था की कि यहां साल में 7 अलग-अलग मौसम में बारिश होती है.
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