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Deoghar Rescue Operation: 45 घंटों में पूरा हुआ देवघर रोपवे हादसे का रेस्क्यू ऑपरेशन, देखें तस्वीरें

(फोटो- PTI)
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वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी के लगातार 45 घंटे के जोखिम भरे ऑपरेशन के बाद हवा में लटकी 46 जिंदगियों को 'नई जिंदगी' मिल गयी है. देवघर के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे हादसे के बाद चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर एक बुजुर्ग को सुरक्षित तरीके से एयरलिफ्ट किये जाने के साथ ही पूरा हो गया. 46 लोगों की जिंदगियां बचाने वाले ऑपरेशन त्रिकुट चलाने वाले जवानों को पूरा झारखंड सैल्यूट कर रहा है.
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देवघर के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे हादसे के बाद चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट पर एक बुजुर्ग को सुरक्षित तरीके से एयरलिफ्ट किये जाने के साथ ही पूरा हो गया.
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46 लोगों की जिंदगियां बचाने वाले ऑपरेशन त्रिकुट चलाने वाले जवानों को पूरा झारखंड सैल्यूट कर रहा है.
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इस ऑपरेशन में देवघर के एक दर्जन से ज्यादा युवाओं का भी बेहद अहम रोल रहा. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नीचे गिर जाने से दो लोगों की मौत हो गयी. सोमवार को राकेश मंडल नामक एक युवक को जब हेलिकॉप्टर के ऊपर खींचा जा रहा था तब सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण वह डेढ़ हजार फीट नीचे गिर गया. मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.
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मंगलवार को एक महिला शोभा देवी रस्सी के सहारे जमीन पर उतारे जाने के दौरान गिर पड़ीं. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.
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मंगलवार को सेना के जवानों ने 36 से लेकर 45 घंटे तक हवा में लटके 14 लोगों का रेस्क्यू किया. सोमवार को 32 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था.
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देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रविवार शाम करीब पांच बजे रोपवे का सैप टूट जाने से 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल 78 लोग पहाड़ी और खाई के बीच हवा में फंस गये थे. इनमें से 28 लोगों को रविवार को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि 48 लोग 20 से 26 घंटे तक ट्रॉलियों पर ही लटके रहे. रविवार को एक ट्रॉली के टूटकर नीचे आ जाने से दो लोगों की जान चली गयी.
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मंगलवार को 12 बजकर 55 मिनट पर जब वायुसेना के जवानों ने आखिरी ट्रॉली पर सवार एक बुजुर्ग को सुरक्षित तरीके से एयरलिफ्ट किया तो हर किसी ने राहत की सांस ली. जिन 45 लोगों को नई जिंदगी मिली, उनका कहना है कि सेना के जवानों ने देवदूत बनकर उन्हें बचाया है.
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रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तेज हवा और रोपवे के तारों की वजह से भारी परेशानी हुई. इस वजह से सेना के हेलिकॉप्टरों को कई बार ट्रॉली के नजदीक पहुंच कर भी वापस लौटना पड़ा.
Published at : 12 Apr 2022 04:34 PM (IST)
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डॉ ख्याति पुरोहितस्वतंत्र पत्रकार व अध्यापिका
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