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In Pics: PM नरेंद्र मोदी ने बाबा बैद्यनाथ धाम में की पूजा-अर्चना
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पीएम मोदी ने बाबाधाम ने की पूजा-अर्चना
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![प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. प्रधानमंत्री लगभग 3 बजे बाबा वैद्यनाथ के गर्भगृह में पहुंचे. उन्होंने सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से लाये गए जल, दूध, पंचामृत के साथ ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया और इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच फूल, बेलपत्र, मदार, धतूरा अर्पित किया, फिर आरती और क्षमा प्रार्थना की.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/12/9287a6b73106682d8520ee7088e29f3285953.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. प्रधानमंत्री लगभग 3 बजे बाबा वैद्यनाथ के गर्भगृह में पहुंचे. उन्होंने सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से लाये गए जल, दूध, पंचामृत के साथ ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया और इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच फूल, बेलपत्र, मदार, धतूरा अर्पित किया, फिर आरती और क्षमा प्रार्थना की.
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![मंदिर के गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य पंडा ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो यहां आकर अभिभूत हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं. पूजा-अर्चना के दौरान पूरा मंदिर परिसर वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/12/322f068eeb7ae5b62a8f9bca88dcd2e809925.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मंदिर के गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य पंडा ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि वो यहां आकर अभिभूत हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं. पूजा-अर्चना के दौरान पूरा मंदिर परिसर वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा.
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![बाबा बैद्यनाथ धाम को द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है. द्वादश ज्योतिर्लिंग में देवघर ही एकमात्र स्थल है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं. ये एक मात्र मंदिर है जहां गठबंधन की परंपरा रही है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/12/aca47218cf6cf253f3cc7941ada92184babdf.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बाबा बैद्यनाथ धाम को द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग माना जाता है. द्वादश ज्योतिर्लिंग में देवघर ही एकमात्र स्थल है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं. ये एक मात्र मंदिर है जहां गठबंधन की परंपरा रही है.
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![बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में गुंबद पर पंचशूल है जो देश के किसी मंदिर में नहीं है. यहां दुनिया का सबसे बड़ा श्रावणी मेला लगता है. बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक 108 किलोमीटर के क्षेत्र में चलने वाला ये एशिया का सबसे लंबा मेला क्षेत्र माना जाता है](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/12/1eb8159ca239342686c2afaa31f030050e125.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में गुंबद पर पंचशूल है जो देश के किसी मंदिर में नहीं है. यहां दुनिया का सबसे बड़ा श्रावणी मेला लगता है. बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक 108 किलोमीटर के क्षेत्र में चलने वाला ये एशिया का सबसे लंबा मेला क्षेत्र माना जाता है
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![14 जुलाई से देवघर में महीने भर तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की भी शुरुआत को हो रही है. इस वर्ष एक साथ होने वाली अनेक ऐतिहासिक शुरुआतों को लेकर देवघर सहित पूरा इलाका भव्य तरीके से सजाया गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/12/41f7e38c1cc9de95dc7adf3dc3e4cf1e5ad73.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
14 जुलाई से देवघर में महीने भर तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की भी शुरुआत को हो रही है. इस वर्ष एक साथ होने वाली अनेक ऐतिहासिक शुरुआतों को लेकर देवघर सहित पूरा इलाका भव्य तरीके से सजाया गया है.
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![श्रावणी मेले को झारखंड का सबसे बड़ा सामाजिक-धार्मिक आयोजन माना जाता है, यहां हर साल सावन के महीने में देश-विदेश से औसतन 35 लाख से अधिक श्रद्धालु जुटते हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने भी निर्देश दिया है कि मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा मुहैया कराई जाए जिससे सभी सुरक्षित और सुलभ जलार्पण कर सकें. उन्होंने कहा है कि हर हाल में सभी कांवड़ियों के साथ व्यवहार विनम्र रखा जाए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/12/b266186ff20519b626501ed754d0416fdb757.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
श्रावणी मेले को झारखंड का सबसे बड़ा सामाजिक-धार्मिक आयोजन माना जाता है, यहां हर साल सावन के महीने में देश-विदेश से औसतन 35 लाख से अधिक श्रद्धालु जुटते हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने भी निर्देश दिया है कि मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा मुहैया कराई जाए जिससे सभी सुरक्षित और सुलभ जलार्पण कर सकें. उन्होंने कहा है कि हर हाल में सभी कांवड़ियों के साथ व्यवहार विनम्र रखा जाए.
Published at : 12 Jul 2022 05:43 PM (IST)
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