Jharkhand Politics: कल्पना सोरेन का भाभी सीता सोरेन को जवाब, ‘हेमंत सोरेन राजनीति में नहीं आना चाहते थे लेकिन...'
झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन बीजेपी में शामिल हो गई हैं. इसके बाद उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इसपर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जवाब दिया है.
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View In Appकल्पना सोरेन ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि 'उनके पति हेमंत सोरेन के लिए स्वर्गीय दुर्गा दा, सिर्फ बड़े भाई नहीं बल्कि पिता तुल्य अभिभावक के रूप में रहे. हेमंत सोरेन राजनीति में नहीं आना चाहते थे लेकिन दुर्गा दादा की असामयिक मृत्यु और आदरणीय बाबा के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें राजनीति के क्षेत्र में आना पड़ा.'
कल्पना सोरेन ने आगे लिखा, हेमंत सोरेन राजनीति को नहीं बल्कि राजनीति ने उन्हें चुन लिया, जिन्होंने आर्किटेक्ट बनने की ठानी थी उनके ऊपर अब झामुमो, बाबा और दुर्गा दा की विरासत और संघर्ष को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी थी.
जेएमएम नेता ने लिखा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का जन्म समाजवाद और वामपंथी विचारधारा के समन्वय से हुआ था. झामुमो आज झारखण्ड में आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों समेत सभी गरीबों, वंचितों और शोषितों की विश्वसनीय आवाज बन कर आगे बढ़ रही है.
कल्पना सोरेन ने लिखा बा और दुर्गा दा के संघर्षों और जो लड़ाई उन्होंने पूंजीपतियों-सामंतवादियों के खिलाफ लड़ी थी, उन्हीं ताकतों से लड़ते हुए उनके पति हेमंत सोरेन जेल चले गए. वे झुके नहीं. उन्होंने एक झारखंडी की तरह लड़ने का रास्ता चुना.
एक्स पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा कि वैसे भी हमारे आदिवासी समाज ने कभी पीठ दिखाकर, समझौता कर, आगे बढ़ना सीखा ही नहीं है. झारखंडी के डीएनए में ही नहीं है झुक जाना. सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है सतत संघर्ष ही.
बता दें कि सीता सोरेन के बीजेपी ज्वाइन करने के साथ ही चर्चाएं तेज हो गई है कि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वा सकती हैं. इसके साथ ही कल्पना सोरेन अब अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में दिखाई दे रही हैं, जिससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि हेमंत सोरेन के जेल में रहते हुए वे ही पार्टी की एक प्रमुख प्रचारक होंगी.
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