एक्सप्लोरर
Historical Places Of Gwalior: ग्वालियर के इन ऐतिहासिक स्थलों की जरूर करें सैर, खूबसूरती जीत लेगी आपका दिल
![](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/846072c86bb4ea4f931d8bba8447dbc9_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ग्वालियर के ऐतिहासिक स्थल
1/8
![Gwalior : मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर का निर्माण राजा सूरजसेन ने किया गया था. यहां आपको अनेकों मंदिर, प्राचीन इमारतें और किले देखने को मिलेंग. जिनकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी. ग्वालियर वो ही शहर है जहां पर तानसेन का जन्म हुआ था. इसलिए उनका मकबरा भी यही बनाया है. अगर आप समर वेकेशन में ग्वालियर घूमने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस रिपोर्ट में हम आपको यहां की खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां आपको जरूर जाना चाहिए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/e5a895a0905d424eda77429d0f7e4326eec98.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Gwalior : मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर का निर्माण राजा सूरजसेन ने किया गया था. यहां आपको अनेकों मंदिर, प्राचीन इमारतें और किले देखने को मिलेंग. जिनकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी. ग्वालियर वो ही शहर है जहां पर तानसेन का जन्म हुआ था. इसलिए उनका मकबरा भी यही बनाया है. अगर आप समर वेकेशन में ग्वालियर घूमने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस रिपोर्ट में हम आपको यहां की खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां आपको जरूर जाना चाहिए.
2/8
![सास बहू मंदिर – ये मंदिर भी पूरे देश में काफी प्रसिद्ध है. इसे सहस्त्रबाहु मंदिर भी कहा जाता है जो कई हाथों वाले भगवान विष्णु का दूसरा नाम है. मंदिर का नाम मुश्किल होने के कारण लोग इसे सास बहू मंदिर कहने लगे. मंदिर का निर्माण कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल के शासनकाल में किया गया था. इस मंदिर में आप सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच दर्शन कर सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/330d5d597edfdb3e13c8ae278ce5e9451bbbf.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सास बहू मंदिर – ये मंदिर भी पूरे देश में काफी प्रसिद्ध है. इसे सहस्त्रबाहु मंदिर भी कहा जाता है जो कई हाथों वाले भगवान विष्णु का दूसरा नाम है. मंदिर का नाम मुश्किल होने के कारण लोग इसे सास बहू मंदिर कहने लगे. मंदिर का निर्माण कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल के शासनकाल में किया गया था. इस मंदिर में आप सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच दर्शन कर सकते हैं.
3/8
![ग्वालियर का किला – ये किला मुगल सम्राट ने बनवाया था. जोकि ग्वालियर के पास एक पहाड़ी पर बना हुआ है. ये किला बहुत ही सुंदर नक्केकाशी के साथ तैयार किया गया है. ये 3 किमी के एरिया में फैला हुआ जो ग्वालियर शहर के हर कोने से दिखाई देते है. अगर आप इस किले को देखना चाहते हैं तो सुबह 8 बजे से शाम 5:30 बजे तक यहां जा सकते है. इसकी फीस 75 रुपए है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/0b26a5e91a3281d231c5b2d9627d1a62afbd4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ग्वालियर का किला – ये किला मुगल सम्राट ने बनवाया था. जोकि ग्वालियर के पास एक पहाड़ी पर बना हुआ है. ये किला बहुत ही सुंदर नक्केकाशी के साथ तैयार किया गया है. ये 3 किमी के एरिया में फैला हुआ जो ग्वालियर शहर के हर कोने से दिखाई देते है. अगर आप इस किले को देखना चाहते हैं तो सुबह 8 बजे से शाम 5:30 बजे तक यहां जा सकते है. इसकी फीस 75 रुपए है.
4/8
![ग्वालियर में सिंधिया संग्रहालय - ये सिंधिया परिवार का शाही निवास हुआ करता था. जोकि अब म्यूजियम बन चुका है. इसमें 35 कमरे हैं जो साल 1964 में बनाए गए थे. बता दें कि ये संग्रहालय पांडुलिपियों, मूर्तियों, सिक्कों, चित्रों, हथियारों आदि के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/00cb1702072cd49ec6901df015ba237afac5d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ग्वालियर में सिंधिया संग्रहालय - ये सिंधिया परिवार का शाही निवास हुआ करता था. जोकि अब म्यूजियम बन चुका है. इसमें 35 कमरे हैं जो साल 1964 में बनाए गए थे. बता दें कि ये संग्रहालय पांडुलिपियों, मूर्तियों, सिक्कों, चित्रों, हथियारों आदि के संग्रह के लिए प्रसिद्ध है.
5/8
![गोपाचल पर्वत – ये पर्वत ग्वालियर किले में ही बना हुआ है. जहां सदियों पुरानी जैन प्रतिमाएं लगी हुई है. इसके अलावा ये पर्वत 7वीं और 15वीं शताब्दी के रॉक-कट जैन स्मारकों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. स्मारक जैन तीर्थंकरों - आदिनाथ, महावीर, नेमिनाथ और ऋषभनाथ को समर्पित हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/f40c68a0fdad78699ef856bea0dc9f39a081e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गोपाचल पर्वत – ये पर्वत ग्वालियर किले में ही बना हुआ है. जहां सदियों पुरानी जैन प्रतिमाएं लगी हुई है. इसके अलावा ये पर्वत 7वीं और 15वीं शताब्दी के रॉक-कट जैन स्मारकों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. स्मारक जैन तीर्थंकरों - आदिनाथ, महावीर, नेमिनाथ और ऋषभनाथ को समर्पित हैं.
6/8
![जय विलास पैलेस – ये पैलेस जयजी राव सिंधिया ने बनाया गया था. इसमें 400 कमरे हैं. साथ ही महल में सोने से इंटीरियर किया गया है. खाने की टेबल पर चांदी की एक रेलगाड़ी भी लगाई गई है. जो सभी का खाना सर्व करती हैं. अगर आप भी इस शाही महल को देखने की चाह रखते हैं तो बुधवार के अलावा किसी भी दिन सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच जा सकते हैं. इसकी एंट्री फीस 100 रुपए की है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/ab1318440f8dd619ba3241f09c28f3dade3d8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जय विलास पैलेस – ये पैलेस जयजी राव सिंधिया ने बनाया गया था. इसमें 400 कमरे हैं. साथ ही महल में सोने से इंटीरियर किया गया है. खाने की टेबल पर चांदी की एक रेलगाड़ी भी लगाई गई है. जो सभी का खाना सर्व करती हैं. अगर आप भी इस शाही महल को देखने की चाह रखते हैं तो बुधवार के अलावा किसी भी दिन सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच जा सकते हैं. इसकी एंट्री फीस 100 रुपए की है.
7/8
![तानसेन का मकबरा – तानसेन भारत के महान संगीतकारों और मुगल दरबार के नौ रत्नों में से एक थे. कहा जाता है कि तानसेन जब भी गाते थे तो सभी मंत्रमुग्ध हो जाते थे और उनके गाने से बारिश होने लगती थी. वहीं मृत्यु के बाद तानसेन को अपने गुरु मुहम्मद गौस के साथ ही दफनाया गया था. आज ये जगह तानसेन स्मारक के रूप में जानी जाती है. आप इस स्मारक को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच देख सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/9fb58e91c592e41fec204398d0fd546957743.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तानसेन का मकबरा – तानसेन भारत के महान संगीतकारों और मुगल दरबार के नौ रत्नों में से एक थे. कहा जाता है कि तानसेन जब भी गाते थे तो सभी मंत्रमुग्ध हो जाते थे और उनके गाने से बारिश होने लगती थी. वहीं मृत्यु के बाद तानसेन को अपने गुरु मुहम्मद गौस के साथ ही दफनाया गया था. आज ये जगह तानसेन स्मारक के रूप में जानी जाती है. आप इस स्मारक को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच देख सकते हैं.
8/8
![मान मंदिर पैलेस – इस खूबसूरत महल का निर्माण साल 1486 और 1516 के बीच तोमर शासक मान सिंह तोमर ने करवाया था. हालांकि महल का कई हिस्सा अब खंडहर में तब्दील हो चुका है लेकिन बचे हुए अवशेष इसकी सुंदर नक्काशी और डिजाइनों को प्रदर्शित करते हैं. इसके अलावा इस महल में एक जौहर तालाब है जहां राजपूत महिलाएं अपनी इज्जत बचाने के लिए आत्महत्या कर लेती थीं. इसे सुसाइड प्वाइंट भी कहा जाता है. इस महल को आप सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे के बीच देख सकते हैं. इसकी कोई एंट्री फीस नहीं है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/07/fb8a5eec3896e5322e3c909dc5349ec08777f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मान मंदिर पैलेस – इस खूबसूरत महल का निर्माण साल 1486 और 1516 के बीच तोमर शासक मान सिंह तोमर ने करवाया था. हालांकि महल का कई हिस्सा अब खंडहर में तब्दील हो चुका है लेकिन बचे हुए अवशेष इसकी सुंदर नक्काशी और डिजाइनों को प्रदर्शित करते हैं. इसके अलावा इस महल में एक जौहर तालाब है जहां राजपूत महिलाएं अपनी इज्जत बचाने के लिए आत्महत्या कर लेती थीं. इसे सुसाइड प्वाइंट भी कहा जाता है. इस महल को आप सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे के बीच देख सकते हैं. इसकी कोई एंट्री फीस नहीं है.
Published at : 08 Jun 2022 05:28 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
आईपीएल
महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)