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Holi 2024: महाकाल मंदिर में 51 क्विंटल फूलों से खेली गई होली, देखें बाबा के दरबार की अद्भुत तस्वीरें
Mahakal Temple: आज रविवार शाम को संध्याकालीन आरती के दौरान महाकाल के दरबार में गुलाल उड़ाया जाएगा. राजाधिराज भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने के बाद सोमवार को देशभर में गुलाल होली का पर्व मनाया जाएगा.
![Mahakal Temple: आज रविवार शाम को संध्याकालीन आरती के दौरान महाकाल के दरबार में गुलाल उड़ाया जाएगा. राजाधिराज भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने के बाद सोमवार को देशभर में गुलाल होली का पर्व मनाया जाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/1a243ba6a99673cda13e3426d77c88801711255216648489_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
(महाकाल मंदिर में खेली गई फूलों की होली)
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![प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दरबार में रविवार (24 मार्च) को 51 क्विंटल फूलों से भक्त और भगवान के बीच होली खेली गई. भस्म आरती में फूलों की होली खेलकर भक्त भाव विभोर हो गए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/e51e1ef238802c42e48bb0946bc0350a40e60.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दरबार में रविवार (24 मार्च) को 51 क्विंटल फूलों से भक्त और भगवान के बीच होली खेली गई. भस्म आरती में फूलों की होली खेलकर भक्त भाव विभोर हो गए.
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![उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले होली पर्व की शुरुआत होती है. रविवार शाम को संध्याकालीन आरती में होलिका दहन होगा. रविवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की भव्य भस्म आरती हुई.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/c1b18d61470e7dca8693a290e311dbc69ba12.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले होली पर्व की शुरुआत होती है. रविवार शाम को संध्याकालीन आरती में होलिका दहन होगा. रविवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की भव्य भस्म आरती हुई.
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![इस भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश भर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में होली का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/5f34cd7525cc891fd17c6b5799963accf08f9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश भर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में होली का उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
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![उन्होंने बताया कि गुलाल होली के पहले भगवान महाकाल के दरबार में फूलों से होली खेली जाती है. महाकालेश्वर मंदिर में भक्त और भगवान के बीच होली का पर्व हर साल सबसे पहले मनाया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/7106755a55ae77d15a762a6a5f6c02a39f664.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने बताया कि गुलाल होली के पहले भगवान महाकाल के दरबार में फूलों से होली खेली जाती है. महाकालेश्वर मंदिर में भक्त और भगवान के बीच होली का पर्व हर साल सबसे पहले मनाया जाता है.
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![रविवार शाम को संध्याकालीन आरती के दौरान मंदिर में गुलाल उड़ाई जाएगी. महाकालेश्वर मंदिर में राजाधिराज भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने के बाद सोमवार को देशभर में गुलाल होली का पर्व मनाया जाएगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/1d95a8a68e8f2b2175e62d43b9f8b7e5cb3f8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रविवार शाम को संध्याकालीन आरती के दौरान मंदिर में गुलाल उड़ाई जाएगी. महाकालेश्वर मंदिर में राजाधिराज भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने के बाद सोमवार को देशभर में गुलाल होली का पर्व मनाया जाएगा.
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![फूलों की होली में शामिल हुए महाराष्ट्र के सुधीर पाटील ने बताया कि भगवान के साथ होली खेलकर अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई है. यह होली जीवन भर नहीं भूल पाएंगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/cfac11cca8b34649466c34d1d735372eb9ce0.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फूलों की होली में शामिल हुए महाराष्ट्र के सुधीर पाटील ने बताया कि भगवान के साथ होली खेलकर अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई है. यह होली जीवन भर नहीं भूल पाएंगे.
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![महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित भूषण गुरु बताते हैं कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकाल का दरबार अद्भुत परंपराओं का साक्षी है. उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल को सृष्टि का राजा माना जाता है, इसलिए सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में पर्व की शुरुआत होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/cd02ddb064ffeee24acda5f1e17bc8da4b775.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित भूषण गुरु बताते हैं कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकाल का दरबार अद्भुत परंपराओं का साक्षी है. उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल को सृष्टि का राजा माना जाता है, इसलिए सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में पर्व की शुरुआत होती है.
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![तीनों लोकों के स्वामी भगवान महाकाल को सबसे पहले गुलाल लगाया जाता है. इसके बाद देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि पाताल में हाटकेश्वर, आकाश में तारकालिंगम और पृथ्वी पर महाकाल विराजित हैं, इसलिए भगवान महाकाल को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/24/d0378fdb1493eb7a7e4799194ae5dd05658c4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तीनों लोकों के स्वामी भगवान महाकाल को सबसे पहले गुलाल लगाया जाता है. इसके बाद देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि पाताल में हाटकेश्वर, आकाश में तारकालिंगम और पृथ्वी पर महाकाल विराजित हैं, इसलिए भगवान महाकाल को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है.
Published at : 24 Mar 2024 10:23 AM (IST)
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