In Pics: 'गूंज रहा राम का नाम', कोटा के इस मंदिर में पिछले 28 सालों से लगातार चल रहा रामकथा का पाठ
कोटा शैक्षणिक नगरी, औद्योगिक नगरी, पर्यटन नगरी के रूप में अपनी पहचान रखता है. इसके साथ ही कोटा को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है.
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View In Appयहां प्राचीन एक से बढकर एक मंदिर हैं जिनकी अपनी विशेष ख्याती है. ऐसे ही एक मंदिर कोटा से 32 किलोमीटर दूर दीगोद क्षेत्र के डूंगरज्या गांव में आता है जहां 28 साल से रामायण चल रही है और 29वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है.
यहां गांव के लोगों ने ही अपनी क्षमता और सामर्थ से इसे विकसित किया है. यहां तालाब में कमल खिलते है तो तालाब के बीच टापू पर बने हनुमान मंदिर पर दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.
पिछले 28 सालों से यहां राम नाम गूंज रहा है, जहां दिन-रात दिन रामचरित्र मानस का पाठ किया जा रहा है. आमजन की मेहनत ने इस क्षेत्र को विख्यात कर दिया है.
ग्रामीणों ने अपनी मेहनत ने तालाब के बीच टापू पर सुंदर गार्डन तैयार कर दिया है. मंदिर एक बीच टापू पर बना है और चारो तरफ पानी ही पानी है.
यहां विभिन्न प्रजातियों के फूल व फलों के पौधे देखते ही मन मोह लेते है. पर्यटन विभाग ने इसे पयर्टन स्थल के रूप में घोषित कर रखा है. यहां चार बीघा में गार्डन बना हुआ है.
पूर्व सरपंच डॉ. एलएन शर्मा ने बताया कि डूंगरज्या गांव का कमल सरोवर करीब 218 बीघा यानी 32 हैक्येटर में फैला हुआ है. मंदिर जाने के लिए 300 फीट से ज्यादा लम्बी पुलिया आकर्षण का केन्द्र है.
यहां एक छोटे चबूतरे पर हनुमान प्रतिमा रखी हुई थी जिसे 20 जनवरी 1996 को बाबा कमलदास महाराज ने अखण्ड रामायण पाठ की शुरूआत के साथ मंदिर में स्थिापित किया और तभी से यहां निरंतर रामायण का पाठ दिन रात अखंड रूप में चल रहा है. जन सहयोग व नरेगा के तहत कमल सरोवर को गहरा करने के लिए तालाब की मिट्टी निकालकर टापू पर डालकर टापू को 10 बीघा में विकसित कर दिया. ग्रामीणों व जनसहयोग से वर्ष 2000 में हनुमान मंदिर का भव्य निर्माण करवाया गया.
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