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In Pics: त्रिपुर सुंदरी मां के दर्शन को लाखों की संख्या में हर साल आते हैं श्रद्धालु, देखें तस्वीरें
इस मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मां के दरबार में नारियल बांधते हैं.
![इस मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मां के दरबार में नारियल बांधते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/34ae2da8031801d5f4864873529825ec1664271324051340_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हजार साल पहले कलचुरी राजा ने बनवाया था त्रिपुर सुंदरी मंदिर
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![आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐसी शक्ति के दर्शन कराएंगे जिनके स्मरण मात्र से हर मनोकामना पूरी हो जाती है.जो कलचुरी राजा दानवीर कर्ण की कुलदेवी थी और पूरे देश में इकलौती प्रत्यक्ष रुप में मौजूद प्रतिमा है. जबलपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर तेवर ग्राम में स्थित है मां त्रिपुर सुंदरी जिनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैली हुई है. जिनके दर्शन के लिए देश-प्रदेश से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के भक्त दौड़े चले आते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/1bb5903fde71b57a6f2f0e785797f43149c09.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐसी शक्ति के दर्शन कराएंगे जिनके स्मरण मात्र से हर मनोकामना पूरी हो जाती है.जो कलचुरी राजा दानवीर कर्ण की कुलदेवी थी और पूरे देश में इकलौती प्रत्यक्ष रुप में मौजूद प्रतिमा है. जबलपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर तेवर ग्राम में स्थित है मां त्रिपुर सुंदरी जिनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैली हुई है. जिनके दर्शन के लिए देश-प्रदेश से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के भक्त दौड़े चले आते हैं.
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![त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पुजारी रमाकांत दुबे बताते हैं कि मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर का इतिहास सौ-दो सौ साल पुराना नहीं बल्कि हजारों साल पुराना है. मान्यता है कि त्रिपुर सुंदरी मां कलचुरी राजा महादानवीर कर्ण की कुलदेवी थी. कर्ण त्रिपुर सुंदरी मां की श्रद्धा भाव से सेवा करता था. त्रिपुर सुंदरी मां ने कर्ण को वरदान दिया था कि वह चाहे जितना भी दान कर ले, उसके खजाने में हमेशा सवा मन सोना बना रहेगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/ce393d2ea5d2de5da5328a1fe6a35be9f12c4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पुजारी रमाकांत दुबे बताते हैं कि मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर का इतिहास सौ-दो सौ साल पुराना नहीं बल्कि हजारों साल पुराना है. मान्यता है कि त्रिपुर सुंदरी मां कलचुरी राजा महादानवीर कर्ण की कुलदेवी थी. कर्ण त्रिपुर सुंदरी मां की श्रद्धा भाव से सेवा करता था. त्रिपुर सुंदरी मां ने कर्ण को वरदान दिया था कि वह चाहे जितना भी दान कर ले, उसके खजाने में हमेशा सवा मन सोना बना रहेगा.
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![जब कर्ण ने मां से वरदान मांगा कि जिस तरह मैं हमेशा आपकी सेवा करता हूं और मैंने स्वयं को आपके लिए अर्पित कर दिया भविष्य में आप के भक्तों को भी आपकी कृपा मिल सके कोई ऐसा उपाय करिए. इस पर त्रिपुर सुंदरी मां ने वरदान दिया कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से उनके दरबार में एक नारियल चढ़ाएगा उसकी हर मनोकामना पूरी होगी. तब से त्रिपुर सुंदरी मंदिर में नारियल बांधे जाने लगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/af35c371f55642ff460906d2d8da6932c3929.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जब कर्ण ने मां से वरदान मांगा कि जिस तरह मैं हमेशा आपकी सेवा करता हूं और मैंने स्वयं को आपके लिए अर्पित कर दिया भविष्य में आप के भक्तों को भी आपकी कृपा मिल सके कोई ऐसा उपाय करिए. इस पर त्रिपुर सुंदरी मां ने वरदान दिया कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से उनके दरबार में एक नारियल चढ़ाएगा उसकी हर मनोकामना पूरी होगी. तब से त्रिपुर सुंदरी मंदिर में नारियल बांधे जाने लगे.
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![त्रिपुर सुंदरी मंदिर समिति के व्यवस्थापक शिव पटेल बताते हैं कि त्रिपुर सुंदरी मंदिर की खास बात यह है कि यह पुरातात्विक महत्व रखता है. पुरातत्व विभाग ने भी त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा की जांच कर बताया कि यह प्रतिमा करीब 2000 साल पुरानी है लेकिन धार्मिक मान्यताएं बताती हैं यह मूर्ति 5000 साल से भी ज्यादा पुरानी है खास बात यह है कि मां भगवती त्रिपुर सुंदरी की प्रतिभा जिसमें महालक्ष्मी महासरस्वती और महाकाली का स्वरुप है या संसार में कहीं और देखने नहीं मिलती.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/2d5f0b54e7803340ba51adf73aa32f8c64e5c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
त्रिपुर सुंदरी मंदिर समिति के व्यवस्थापक शिव पटेल बताते हैं कि त्रिपुर सुंदरी मंदिर की खास बात यह है कि यह पुरातात्विक महत्व रखता है. पुरातत्व विभाग ने भी त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा की जांच कर बताया कि यह प्रतिमा करीब 2000 साल पुरानी है लेकिन धार्मिक मान्यताएं बताती हैं यह मूर्ति 5000 साल से भी ज्यादा पुरानी है खास बात यह है कि मां भगवती त्रिपुर सुंदरी की प्रतिभा जिसमें महालक्ष्मी महासरस्वती और महाकाली का स्वरुप है या संसार में कहीं और देखने नहीं मिलती.
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![त्रिकूट पर्वत स्थित मां वैष्णो देवी में भी इन तीनों देवियों का पिंडी स्वरूप है.केवल त्रिपुर सुंदरी मंदिर ही ऐसा मंदिर है जहां देवियों का प्रतिमा स्वरूप मिलता है और यही इस मंदिर को खास बनाता है.मंदिर में लाखों की संख्या में लोग हर साल आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मां के दरबार में नारियल बांधते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/324ea7cc09dadbcc7e1720284a89bffac8755.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
त्रिकूट पर्वत स्थित मां वैष्णो देवी में भी इन तीनों देवियों का पिंडी स्वरूप है.केवल त्रिपुर सुंदरी मंदिर ही ऐसा मंदिर है जहां देवियों का प्रतिमा स्वरूप मिलता है और यही इस मंदिर को खास बनाता है.मंदिर में लाखों की संख्या में लोग हर साल आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मां के दरबार में नारियल बांधते हैं.
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![कहते हैं कि त्रिपुर सुंदरी की आराधना करने वाले भक्त को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सभी प्राप्त होते हैं. जिस पर देवी प्रसन्न हो जाये उसका इस लोक के साथ परलोक भी सार्थक हो जाता है. आज से करीब हजार साल पहले कलचुरि राजवंश के पराक्रमी राजा कर्ण ने माँ त्रिपुर सुंदरी की इस सुन्दर प्रतिमा का निर्माण करवाया था. यहां मां के तीन रूपों महाकाली,महालक्ष्मी और महासरस्वती के दर्शन एक साथ मिलते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/27/f4097206959f0aade0a5bb87bb895f109859b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कहते हैं कि त्रिपुर सुंदरी की आराधना करने वाले भक्त को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सभी प्राप्त होते हैं. जिस पर देवी प्रसन्न हो जाये उसका इस लोक के साथ परलोक भी सार्थक हो जाता है. आज से करीब हजार साल पहले कलचुरि राजवंश के पराक्रमी राजा कर्ण ने माँ त्रिपुर सुंदरी की इस सुन्दर प्रतिमा का निर्माण करवाया था. यहां मां के तीन रूपों महाकाली,महालक्ष्मी और महासरस्वती के दर्शन एक साथ मिलते हैं.
Published at : 27 Sep 2022 03:19 PM (IST)
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शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
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