MP: इंदौर में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, गृह मंत्री अमित शाह और CM मोहन समेत बड़ी संख्या में लोगों ने लगाए 11 लाख पौधे
मध्य प्रदेश शासन ने 24 घंटे की अवधि में सर्वाधिक पौधारोपण कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से प्रमाण पत्र प्राप्त किया.'एक पेड़ मां के नाम अभियान' में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए.
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View In Appइस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी एयरपोर्ट रोड स्थित पितृ पर्वत मौजूद रहे. इसके बाद दोपहर में रेवती हिल गए. इस दौरान उनके साथ सीएम मोहन यादव और अभिनेता रणदीप हुड्डा भी मौजूद रहे. इंदौर ने रविवार (14 जुलाई) को सांवेर रोड स्थित रेवती रेंज की पहाड़ी पर 11 लाख पौधे रोपकर हरियाली का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया.
इंदौर ने असम में एक दिन में रोपे गए 9 लाख 25 हजार पौधों के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है. इससे पहले अभियान की शुरुआत 6 जुलाई की शाम को संतों ने 11 हजार पौधे लगा कर किया था. इसका समापन रविवार को बड़े पैमाने पर पौधरोपण के साथ किया गया.
इस दौरान गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के करीब 100 प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम की निगरानी और डॉक्यूमेंटेशन किया. पौधरोपण कार्यक्रम में लगभग 90 एकड़ में पौधे लगाए गए. वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए पौधरोपण सुबह 6 बजे शुरू किया गया. जिसमें बेहतर प्लांटेशन के लिए पहाड़ी को नौ जोन और 80 सब जोन में विभाजित किया गया था.
वन विभाग के अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, उज्जैन और देवास वनमण्डल के 550 अधिकारी, कर्मचारी, सुरक्षा श्रमिकों ने रेवती रेंज में लगभग 90 हजार पौधे को सेक्टर 4 में रोपित कर 11 लाख पौधे लगाए और इस महाअभियान में भागीदार बने.
इस दौरान मौके पर पूरे समय सीसीएफ नरेंद्र सिसोदिया और डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी, एसडीओ महू फॉरेस्ट कैलाश जोशी उपस्थित रहे. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय वृक्षारोपण के महाअभियान में कांग्रेस को सहभागी बनने के लिए कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में आमंत्रित करने पहुंचे थे.
कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया था कि वह 5000 पौधे लगाकर इस महा अभियान में अपनी सहभागिता दर्ज करें. इसके लिए उन्होंने रेवती रेंज में गांधी वन के नाम से एक सेक्टर आरक्षित किया था. हालांकि महाअभियान के अंतिम दिन भी कांग्रेस का कोई नेता वृक्षारोपण करने नहीं पहुंचा.
कुल एरिया- 90 एकड़, कुल 9 जोन और 80 सब जोन, इसके अलावा एक सब जोन में 10 हजार लोग. इसमें 135 से अधिक सामाजिक संगठन शामिल थे. मौके पर बीएसएफ के 2 हजार से अधिक जवान, 5 हजार से अधिक सेना के जवान और 30 हजार से अधिक नागरिक शामिल हुए. 30 किलोमीटर के दायरे में 11 लाख गड्ढे खोदे गए. फिलहाल कुल 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है.
विश्व रिकॉर्ड बनाने से पहले 300 ट्रकों में भरकर पौधे मौके पर पहुंचाए गए. अभियान में शहरवासी, स्वयंसेवी संगठन, राजनेता, सामाजिक संगठन, धार्मिक नेता, बीएसएफ जवान, पुलिस, सरकारी कर्मचारी और विद्यार्थी शामिल हुए. इसमें 11 लाख पौधों में से 9 लाख मधुकामिनी के पौधे लगाए गए.
शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दावा है कि 6 जुलाई से 13 जुलाई के बीच 23 से 24 लाख पौधे लगाए गए. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि पूरे पौधरोपण की 100 कैमरों से रिकॉर्डिंग की गयी और इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया.
भार्गव ने बताया कि लगाए गए सभी पौधे 4 से 5 फीट लंबे हैं, जिससें 90 से 99 फीसदी तक पौधे जीवित रहेंगे.इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि क्षतिग्रस्त पौधों की जगह पर 100 हजार पौधों की नर्सरी रेती पहाड़ी पर स्थापित की जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लगाए गए सभी पौधे फलें-फूलें और पेड़ बनें.
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