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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
In Pics: इंदौर नगर निगम अब AI का इस्तेमाल कर भरेगा ऊंची उड़ान, बच्चों ने किया ये कमाल
मध्य प्रदेश का इंदौर नगर निगम अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है. ऐसा ही कुछ प्रयास इंदौर के पोर्टल को भी बेहतर बनाने के लिए किया गया. इंदौर में बीते दिनों 'हैक इंदौर' नामक हैकथॉन का आयोजन किया गया था. इंदौर नगर निगम द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में पूरे देश से करीब 80 टीमों ने हिस्सेदारी की थी, जिसमें 400 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए थे.
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View In Appइन सभी ने 48 घंटे लगातार काम करते हुए इंदौर में नगर निगम द्वारा दी जा रही सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य टूल्स का इस्तेमाल करते हुए अपना कमाल दिखाया. इसमें कई प्रोजेक्ट ऐसे बनाए गए जो तारीफ के काबिल थे. जैसे इंदौर में सबसे बड़ी समस्या वॉटर मैनेजमेंट की है. इनमें कहां पर पानी सप्लाई हो रहा है, कहां नहीं हो रहा है, कहां पानी का लीकेज है या पानी से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर अभी नगर निगम के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिस पर काम किया जा सके.
इनमें इंदौर में सबसे बड़ी समस्या वॉटर मैनेजमेंट की है. इनमें कहां पर पानी सप्लाई हो रहा है, कहां नहीं हो रहा है, कहां पानी का लीकेज है या पानी से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर अभी नगर निगम के पास ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिस पर काम किया जा सके. इसी को लेकर बच्चों ने अपना कमाल दिखाया.
महाराष्ट्र की एक टीम जिसने पहला पुरस्कार डेड लाख रुपये का जीता है. उसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जिस पर लोग पानी से जुड़ी समस्याएं अपलोड करेंगे और इंदौर के 311 एप पर वह एक स्पेशल कैटिगरी में जाकर अपलोड हो जाएंगे, जहां पर यह पता चल सकेगा की पानी से जुड़ी समस्याओं में कौन सी बड़ी समस्याएं हैं और उनको कैसे हल किया जा रहा है.
इसके अलावा एक अन्य नगर मित्र एप्लीकेशन भी इंदौर के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के बच्चों ने डेवलप किया. छात्र पीयूष रावत ने कहा कि इंदौर में जो भी सार्वजनिक परियोजनाएं शुरू हों, वो सारे अंत भी हों, तो इस हैकथॉन में फ्रंट एंड पर योगदान दिया और विश्वास के साथ-साथ हमारा ऐप सबसे इनोवेटिव और रिस्पॉन्सिव ऐप्स पर आधारित था.
नगर मित्र प्लेटफॉर्म तैयार करने का मकसद यह है कि यहां पर समस्या के पैदा होने से लेकर उसके समाधान तक हर जगह इसकी मॉनिटरिंग होगी और हर स्टेप पर काम हुआ या नहीं इसको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए देखा जाएगा. साथ ही यह भी देखा जाएगा कि कम कितने समय में हो रहा है और इसमें कितना खर्च हो रहा है. जिसका हिसाब किताब भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रखेगा.
नगर निगम में आज कंप्लेंट रजिस्टर करना अपने आप में बहुत बड़ी प्रॉब्लम है तो उसके लिए हमने AI कॉल सेंटर बनाया है. निगम के वर्कशॉप के मैनेजर को वर्क ट्रैक करना एम्पलाइज ट्रैक करना मुश्किल है इस पर भी काम किया गया.
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