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In Photos: गुरु गोविंद सिंह जयंती से पहले जबलपुर में निकला भव्य संकीर्तन जुलूस, पालकी पर विराजे गुरुग्रंथ साहिब, देखें तस्वीरें
Jabalpur: गुरु श्री गोविंद सिंह जी महाराज का गुरुपर्व 17 जनवरी को मनाया जाएगा. इससे पूर्व जबलपुर शहर के सिख धर्मावलम्बियों द्वारा नगर संकीर्तन जुलूस निकाला गया.

गुरु गोविंद सिंह की जयंती से पहले निकाला गया जुलूस
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खालसा पंथ के सृजक गुरु श्री गोविंद सिंह जी महाराज का प्रकाशोत्सव (गुरूपर्व) 17 जनवरी को मनाया जाएगा. गुरुपर्व के पूर्व मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के सिख धर्मावलम्बियों द्वारा रविवार (14 जनवरी) को नगर कीर्तन जुलूस निकाला गया.
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यह नगर कीर्तन जुलूस साहिब श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज और परमात्मा की जय-जयकार करता हुआ आगे बढ़ा. गुरु की पवित्र गुरवाणी का पूर्ण आस्था, श्रृद्वा और भक्तिभाव के साथ यशोगान करता हुआ जुलूस मदनमहल चौक, महानददा, शंकराचार्य चौक, शारदा सिनेमा, आजाद चौक, गुलाटी चौक, गोरखपुर बाजार, सदर तिराहा, कटंगा, सदर आदि प्रमुख मार्गो का भ्रमण करता हुआ सायंकाल गुरुद्वारा सदर में समाप्त हुआ.
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यहां उपस्थित श्रृद्धालु साध-संगतों ने मुक्ताकाश से पुष्पवर्षा कर अपनी श्रृद्वाभक्ति का इजहार किया. स्वर्णिम आभा से युक्त पालकी वाले वाहन के ऊपर से मुख्यग्रंथी सहिबान द्वारा नगर कीर्तन समाप्ती पर विश्वशान्ति और सर्वत्र के भले की विशेष अरदास-प्रार्थना की गई. इसके साथ ही गगनभेदी पत्रिव जयकारों और उद्घोष के मध्य नगर कीर्तन जुलूस का समापन हो गया. विभिन्न धर्मावलम्बियों, संस्थाओं, व्यापारिक संघों एवं राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों सहित अनेक सभाओं ने नगर कीर्तन जुलूस का पुरजोर स्वागत किया.
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समग्र जुलूस पथ में सर्वाधिक श्रृद्धा आस्था और जनाकर्षण का केन्द्र स्वर्णिम आभा से युक्त पालकी वाहन था, जिसे बहुरंगी पुष्पों और मालाओं से सजाया गया था. इसमें बीचों-बीच पालकी में सिख धर्मावलंबियों के सर्वोच्च गुरु श्री गुरूग्रंथ साहिब जी का पावन प्रकाश किया गया था. श्रद्धालु हाथों में मिष्ठान एवं बताशे के थाल, रूमाल और पुष्पमालाओं के साथ गुरूग्रंथ साहिब के समक्ष प्रसाद अर्पण कर रहे थे.
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पालकी के दोनों तरफ हाथों में कृपाण धारण किये सेवादार पहरारत थे. वहीं वाहन के पार्श्व भाग में चारों तरफ से दर्जनों सेवादारों द्वारा मिष्ठान और बताशे का प्रसाद वितरित किया जा रहा था, जिसे पाने हेतु होड़ सी लगी हुई थी. पालकी वाले वाहन के ठीक सामने खालसा पंथ के प्रतीक एवं नेतृत्वकर्ता ‘‘पंज-प्यारे’’ पैदल चल रहे थे. वे पीतवस्त्रों में आहिस्ता-आहिस्ता पथगमन कर रहे थे.
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इसके साथ ही गतकां दल ने वीर रस से ओतप्रोत शस्त्र विद्या का अनूठा प्रदर्शन कर युद्ध के जीवन्त नजारे पेश किये. उत्साही नौजवान गतकां का शानदार प्रदर्शन कर रहे थे. लाठी तलवार और चक्रचालन विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे. भांगड़ा और अन्य अनेक प्रस्तुतियां आकर्षण का केन्द्र थीं. जुलूस के अग्र भाग में जहां उत्साही नौजवानों की घुड़सवार और वाहन सवार टोलियां उपस्थित थीं.
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अनेक बच्चे हाथों में सद्भावना, एकता और मानवता से ओतप्रोत गुरूवाणी के बैनर लिये चल रहे थे. अनेक शालाओं द्वारा नीले और पीले वस्त्रधारी बाल पंज प्यारे भी प्रस्तुत किए गए थे. वहीं कुछ स्कूलों के बाल बैंड दल भी मन को लुभा रहे थे.
Published at : 15 Jan 2024 04:20 PM (IST)
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion