Raksha Bandhan 2022: जबलपुर में राखी के बाजार में रौनक कम, दुकानदारों ने बताई इसके पीछे की वजह
रक्षाबंधन के लिए बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजकर तैयार हो गया है. हलांकि इस बार महंगाई के कारण बाजार की रौनक थोड़ी बेजार है. सराफा बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी आकर्षण का केंद्र बनी है. जबलपुर में गुरुवार 11 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जा रहा है.
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View In Appरक्षाबंधन के लिए सिर्फ दो दिन शेष रहने पर बाजार में भीड़भाड़ तो होने लगी है लेकिन महंगाई के कारण महंगी राखियां नहीं बिक रही है. राखी विक्रेता राजू पहारिया के मुताबिक भाई-बहन के लिए इस बार विशेष तरह की राखियां बाजार में उपलब्ध हैं. डायमंड या मोती के सजावट वाली राखियों की खास डिमांड है.
यही हाल रुमाल का भी है. सौ से डेढ़ सौ रुपये दर्जन तक के रुमाल के सेट की ज्यादा पूछ-परख है. बाजार में बच्चों के लिए उपहार युक्त टेडीबीयर और चाकलेट लगी राखियां भी विशेष डिजाइन में आई हैं, जो बहनों को आकर्षित कर रही हैं.
इस बार की किसी विशेष थीम की बजाय ज्यादा फैंसी राखियां ही पसंद की जा रही हैं. सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है. कोई रेशम के धागे की राखी मांग रहा है तो कुछ बहनें गोल्ड, सिल्वर और डायमंड की फैंसी राखियां मांग रही हैं.
इस बार बाजार में उठाव ना होने से राखी विक्रेताओं के माथे पर थोड़ी शिकन है. राजू पहारिया के मुताबिक अकेले जबलपुर के मार्केट में चालीस से पचास हजार का स्टॉक फंसा है. अब सिर्फ दो दिन का बाजार बचा है. इसलिए घाटा लगना तय है.
सराफा बाजार में भी सोने-चांदी की राखियां तैयार है. हालांकि बहनें बाजार में भाइयों के लिए छोटी और आकर्षक रााखियां तलाश रही हैं. वैसे तो बाजार में सामान्य तौर पर पांच सौ रुपये तक की राखी मौजूद है लेकिन बकौल राजू पहारिया के अनुसार 10 से 20 रुपये तक की राखी ज्यादा बिक रही है.
राखी खरीदने बाजार पहुंची नेहा शर्मा का कहना है कि सिंपल राखी सबसे बेहतर होती है. तड़क-भड़क त्योहार को फैशनेबल बना देता है.
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