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Shivraj Singh Chouhan Birthday: 63 साल के हुए शिवराज सिंह चौहान, जन्मदिन पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें
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63 साल के हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
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![Shivraj Singh Chouhan Birthday: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म सीहोर जिले के नर्मदा तट पर बसे एक गांव जैत में 5 मार्च 1959 को हुआ था. उनके पिता का का नाम प्रेम सिंह और मां का नाम सुंदर बाई है. किरार समाज से ताल्लुक रखने वाले शिवराज सिंह को पांव-पांव वाले भैया और बच्चों के मामा के नाम से भी जाना जाता है. चलिए आज यहां जानते हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/03/05/01c13bdcfe843fa212d90fa64d583a25f2331.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Shivraj Singh Chouhan Birthday: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) आज अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म सीहोर जिले के नर्मदा तट पर बसे एक गांव जैत में 5 मार्च 1959 को हुआ था. उनके पिता का का नाम प्रेम सिंह और मां का नाम सुंदर बाई है. किरार समाज से ताल्लुक रखने वाले शिवराज सिंह को पांव-पांव वाले भैया और बच्चों के मामा के नाम से भी जाना जाता है. चलिए आज यहां जानते हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें
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![शिवराज सिंह चौहान के नाम प्रदेश में सबसे लंबे समय और सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है. हालांकि जब 29 नवंबर 2005 को पहली बार वे प्रदेश की सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए थे उस समय बीजेपी में कुशाभाऊ ठाकरे और सुंदरलाल पटवा जैसे नेताओं का काफी दबदबा था. और उन सबके मुकाबले शिवराज सिंह को कमजोर ही माना जाता था. लेकिन आज शिवराज ने अपनी मेहनत और शख्सियत के दम पर सबसे ज्यादा बार सीएम बनने का रिकॉर्ड कायम किया है.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
शिवराज सिंह चौहान के नाम प्रदेश में सबसे लंबे समय और सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है. हालांकि जब 29 नवंबर 2005 को पहली बार वे प्रदेश की सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए थे उस समय बीजेपी में कुशाभाऊ ठाकरे और सुंदरलाल पटवा जैसे नेताओं का काफी दबदबा था. और उन सबके मुकाबले शिवराज सिंह को कमजोर ही माना जाता था. लेकिन आज शिवराज ने अपनी मेहनत और शख्सियत के दम पर सबसे ज्यादा बार सीएम बनने का रिकॉर्ड कायम किया है.
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![शिवराज सिंह ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें जनता के बीच रहना काफी भाता है. उनके अंदर ऐसी काबिलियत है कि वे अपने स्वभाव से विरोधियो के दिल भी जीत लेते हैं. यही वजह है कि वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
शिवराज सिंह ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें जनता के बीच रहना काफी भाता है. उनके अंदर ऐसी काबिलियत है कि वे अपने स्वभाव से विरोधियो के दिल भी जीत लेते हैं. यही वजह है कि वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
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![शिवराज सिंह ने सांसद बनने के बाद प्रदेश की जनता से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. उन्होंने कई पदयात्राएं भी कही. और इस कारण ही उन्हें विदिशा संसदीय क्षेत्र में पांव-पांव वाले भैया के नाम से पुकारा जाने लगा. शिवराज सिंह ने इस दौरान जनता से जुड़कर इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली की 29 नवंबर 2005 को वे पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
शिवराज सिंह ने सांसद बनने के बाद प्रदेश की जनता से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. उन्होंने कई पदयात्राएं भी कही. और इस कारण ही उन्हें विदिशा संसदीय क्षेत्र में पांव-पांव वाले भैया के नाम से पुकारा जाने लगा. शिवराज सिंह ने इस दौरान जनता से जुड़कर इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली की 29 नवंबर 2005 को वे पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए.
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![बताया जाता है कि शिवराज सिंह चौहान में बचपन से ही नेता बनने के गुण दिखने लगे थे. उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर मजूदरों के हक में पहला आंदोलन किया था. श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने के लिए हुए इस आंदोलन में उन्हें जीत मिली थी और मजदूरों की मजदूरी बढ़ा दी गई थी.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
बताया जाता है कि शिवराज सिंह चौहान में बचपन से ही नेता बनने के गुण दिखने लगे थे. उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर मजूदरों के हक में पहला आंदोलन किया था. श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने के लिए हुए इस आंदोलन में उन्हें जीत मिली थी और मजदूरों की मजदूरी बढ़ा दी गई थी.
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![सासंद बनने के बाद शिवराज सिंह ने 6 मई 1922 को साधना के साथ सात फेरे लिए थे. साधना गोंदिया के मतानी परिवार से हैं. शिवराज और साधना को दो बेटे हैं.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
सासंद बनने के बाद शिवराज सिंह ने 6 मई 1922 को साधना के साथ सात फेरे लिए थे. साधना गोंदिया के मतानी परिवार से हैं. शिवराज और साधना को दो बेटे हैं.
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![राज्य के मुख्यमंत्री होने की वजह से शिवराज सिंह दिन भर बेहद व्यस्त रहते हैं. बावजूद इसके खुद को स्वस्थ रखने के लिए वे योगा करना नहीं भूलते हैं.](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
राज्य के मुख्यमंत्री होने की वजह से शिवराज सिंह दिन भर बेहद व्यस्त रहते हैं. बावजूद इसके खुद को स्वस्थ रखने के लिए वे योगा करना नहीं भूलते हैं.
Published at : 05 Mar 2022 10:16 AM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion