Khajuraho Temple: पर्यटकों के बीच काफी फेमस है खजुराहो मंदिर, जानिए यहां की दीवारों पर की गई नक्काशी का दिलचस्प इतिहास
Khajuraho Temple History: मध्य प्रदेश अपनी संस्तृति और प्राचीन मंदिरों के लिए काफी फेमस है. यहां का खजुराहो मंदिर अपनी कामुक मूर्तियों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. यहां की खूबसूरत चित्रकारी पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है. इसके अलावा ये मंदिर प्राचीनकाल के इतिहास और संस्कृति की गवाही भी देता है. आज हम इस रिपोर्ट में आपको इस मंदिर से जुड़ी कई रोचक बातें बताने जा रहे हैं जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी होगी.
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View In Appइस मंदिर की दीवारों पर बनी सिर्फ 10% नक्काशी यौन गतिविधियों को दर्शाती हैं इसके अलावा यहां की 90% नक्काशी उस वक्त के लोगों के जीवन को प्रदर्शित करती है. बता दें कि इस मंदिर में कुम्हारों, संगीतकारों, किसानों और महिलाओं की मूर्तियां भी बनाई गई है.
वहीं मूर्तियों को लेकर कई इतिहासकारों का कहना है कि यहां पर कामुकता की सभी कलाओं का अध्यन और अभ्यास किया जाता था. इसके अलावा कुछ का कहना है कि कामसूत्र की कलाक्र्तियां भी हिन्दू परम्परा का ही एक भाग है और ये मानव शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है.
मंदिर के निर्माण की बात करें, तो ये मंदिर एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना है. लेकिन इसकी खूबसूरती दुनिया को दिखाने वाले कैप्टन टी.एस. बर्ट है. जिन्होंने 1साल 838 में इन मंदिरों को 'फिर से खोजा' और पूरी दुनिया के सामने लेकर आए.
बताया जाता है कि 12वीं शताब्दी के दौरान ये मंदिर करीब 85 हुआ करते थे, लेकिन 13वीं शताब्दी तक इनमें से कुछ को नष्ट कर दिया गया था. अब यहां सिर्फ 22 मंदिर ही बचे हुए हैं.
वहीं बात करें मंदिर के नाम की तो इसका नाम हिंदी शब्द खजूर से लिया गया है. जानकारी के अनुसार ये शहर एक बार सिर्फ खजूर के पेड़ों से ही घिरा हुआ था,इसलिए ही इसका नाम खजुराहो रख दिया गया. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि इसका नाम खजुरा-वाहक (बिच्छू वाहक) से रखा गया है. जो भगवान शिव का एक प्रतीकात्मक नाम है.
बता दें कि इन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के दौरान किया गया था. वहीं इनमें से अधिकत्तर मंदिरों 950 और 1050 ईं के बीच हिंदू राजाओं यासोवर्मन और धंगा के शासनकाल के दौरान बने है.
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