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Sawan 2022: सावन में पुण्यलाभ देंगे मध्य प्रदेश के भोजेश्वर मंदिर के दर्शन, भीम ने विशाल पत्थरों से किया था तैयार
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भोजेश्वर मंदिर
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
Sawan 2022: सावन का महीना है और भोले के भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है. सड़कों पर कांवड़ियों का सैलाब है तो शिवालयों में शिवभक्त उमड़ रहे हैं. आज आपको मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक ऐसे शिव मंदिर की जानकारी देंगे जो भक्तों के लिए विशेष मान्यता रखता है. राजधानी भोपाल (Bhopal) से 23 किलोमीटर दूरी पर मौजूद भोजपुर के शिव मंदिर में सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां भोलेनाथ का फूलों से श्रृंगार किया जाता है. इस बार सावन के पहले सोमवार पर करीब एक लाख से ज्यादा शिवभक्त भोजपुर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे.
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
भोजपुर मंदिर की स्थापना और निर्माण धार के परमार राजा भोज ने दसवीं शताब्दी में कराया था. भोले बाबा का ये धाम बेतवा नदी के किनारे एक पहाड़ी पर मौजूद है.
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
शिव के इस धाम को भोजपुर शिव मंदिर या फिर भोजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
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
चारों तरफ हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता इस मंदिर को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देती है. साथ ही यहां पर बेहतरीन वास्तुशिल्प देखने को मिलता है.
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भोजेश्वर मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यहां का विशाल शिवलिंग है. इस शिवलिंग की लंबाई 21.5 फीट है.
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
भोजेश्वर मंदिर को लेकर मान्यता है कि जब पांडव अज्ञातवास काट रहे थे तो वो यहां कुछ वक्त के लिए बसे थे. इसी दौरान पांडवों ने माता कुंती की पूजा के लिए एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया था.
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इस मंदिर को विशालकाय पत्थरों से खुद भीम ने अपने हाथों से तैयार किया था. ताकि बेतवा नदी के पवित्र जल से स्नान के बाद माता कुंती भगवान शिव की आराधना कर सकें. बाद में इसी मंदिर का नाम आगे चलकर भोजेश्वर महादेव मंदिर पड़ गया.
Published at : 19 Jul 2022 03:37 PM (IST)
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
प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion