महाकाल की 'भस्म आरती' के नाम पर दलाली की जांच करने पहुंचे मंदिर समिति प्रशासक, हुआ बड़ा खुलासा
जिसकी वजह से रविवार की सुबह 1700 लोगों ने भस्म आरती में प्रवेश के लिए अनुमति हासिल की थी. लेकिन अचानक 300 लोग कम पहुंचे.
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View In Appइसकी सबसे बड़ी वजह गड़बड़ी के जरिए भस्म आरती में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं पर रविवार सुबह रोक लग गई थी. भेष बदलकर मंदिर पहुंचे प्रशासक गणेश धाकड़ ने कई नियमितताएं सुधारने के आदेश दिए.
गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि मंदिर में भस्म आरती के दौरान 1600 श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था है. शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है. इसके चलते 50 से 100 श्रद्धालुओं को अतिरिक्त प्रवेश दे दिया जाता है.
धाकड़ ने बताया कि शनिवार को भी आवेदन करने वालों की संख्या काफी अधिक थी. इसी को ध्यान में रखते हुए 1705 श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश की अनुमति दे दी गई. इस दौरान प्रशासक को कई अनियमित की शिकायतें भी मिली.
गणेश कुमार धाकड़ जब भेष बदलकर भस्म आरती में पहुंचे तो उन्होंने श्रद्धालुओं को चेक करना शुरू किया. प्रशासक ने मंदिर समिति के अनाउंसमेंट से श्रद्धालुओं को कहा कि जो भी फर्जी तरीके से मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
गणेश कुमार धाकड़ की घोषणा के बाद मंदिर में केवल 1413 श्रद्धालु ही दर्शन करने के लिए पहुंचे. वहीं धाकड़ ने इस बात को भी स्वीकार किया कि मंदिर की भस्म आरती में प्रवेश दिलाने के नाम पर दलालों द्वारा अवैध वसूली की जाती है.
दलाली प्रथा को बंद करने के लिए प्रशासक ने सख्त कदम उठाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो भी भस्म आरती की दलाली में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन 2 लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. इनमें से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्म आरती में प्रवेश पाना चाहते हैं. लेकिन यहां 1600 श्रद्धालुओं की सीमित संख्या होने की वजह से दलाल इसका लाभ उठाते हैं.
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