Mahashivratri 2023: भगवान ओंकारेश्वर मंदिर की सुरक्षा में तैनात होंगे 300 पुलिसकर्मी, कैसी है तैयारी?
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 18 फरवरी को है. इस मौके पर भगवान शिव की आराधना की जाती है. ऐसे में ज्योतिर्लिंग वाले मंदिरों में भक्तों की तादाद बढ़ जाती है. मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में भगवान ओंकारेश्वर का पुरातन काल का मंदिर है. यहां पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु माथा टेक कर भगवान भोले की पूजा अर्चना करते हैं. इस दौरान प्रशासन भी खास इंतजाम करता है.
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View In Appरोड बनाकर दर्शन कराने की तैयारी बता दें कि हाल ही में ओंकारेश्वर में स्थित झूला पुल का एक तार टूट जाने से श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ी थी. लेकिन, प्रशासन ने इसके लिए भी पूरा रास्ता तलाश लिया है. प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. अब रोड बनाकर श्रद्धालुओं के लिए आसानी से दर्शन कराने की योजना बना ली गई है. मंदिर में सुरक्षा के लिहाज से लगभग 300 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. यहां पर 70 से 80 पटवारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. आठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया जाएगा, जिनके साथ कोटवार भी व्यवस्था में सहयोग करेंगे.
ज्योतिर्लिंगों में है चौथा स्थान मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में चैथे स्थान पर माना जाता है. इस ज्योतिर्लिंग की सबसे अनूठी बात यह है कि यहां दो ज्योतिस्वरूप शिवलिंग श्री ओंकारेश्वर और श्री ममलेश्वर हैं. ये दोनों ही शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग नदी के दो अलग-अलग किनारों पर स्थित हैं. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के किनारे मन्धाता स्थित है.
भगवान भोले का होगा विशेष शृंगार महाशिवरात्रि का पर्व इस साल शनिवार को मनाया जाएगा. इसके लिए सभी शिव मंदिरों को सजाया जा रहा है. ओंकारेश्वर स्थित ज्योतिर्लिंग मंदिर में भी विशेष रोशनी की जाएगी. मंदिर के अंदर फूलों से साज सज्जा की जाएगी. भगवान भोले का विशेष शृंगार किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु उनका आनंदमई दर्शन कर सकें. कहा जाता है कि ओंकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव के स्वयंभू अवतार का प्रतीक है. यहां पर स्थित ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से पुण्य लाभ मिलता है. श्रद्धालु यहां आकर अपने आराध्य देव को जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं. भीड़ अधिक होने से प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करने पड़ते हैं, ताकि यहां पहुंचने वाला प्रत्येक श्रद्धालु आसानी से अपने इष्ट के दर्शन कर सके.
ऐसे पहुंचा जा सकता है ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित श्री ओंकारेश्वर का ज्योतिर्लिंग मंदिर उज्जैन शहर से 140 किलोमीटर और इंदौर शहर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है. आप यहां रेल मार्ग से जाना चाहते हैं तो उसके लिए ओंकारेश्वर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम-इंदौर-खण्डवा रेलवे लाईन पर ओंकारेश्वर रोड के नाम से बना हुआ है. फिलहाल, अभी रेलवे ब्राडगेज बदलाव का काम चल रहा है. इससे यह ट्रैक बंद है. इसलिए फिलहाल सड़क मार्ग से ही ओंकारेश्वर तक पहुंच सकते हैं. अगर आप इंदौर से या फिर उज्जैन से ओंकारेश्वर तक पहुंचना चाहते हैं तो बता दें कि सड़क मार्ग के जरिये यहां तक पहुंचना बहुत आसान हो जाता है. यदि आप खंडवा तक रेल मार्ग से आते हैं तो यहां से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है. खंडवा से ओंकारेश्वर की दूरी लगभग 72 किलोमीटर की है.
झूला पुल का मरम्मत का कार्य शुरू मांधाता एसडीएम चंदर सिंह सोलंकी ने बताया कि झूला पुल का तार टूटने से थोड़ी सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, इसकी मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है. एहतियात के तौर पर एक योजना बनाई गई है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके. एसडीएम ने कहा कि झूला पुल को अभी बंद कर दिया गया है. यहां का यातायात पुराने पुल पर डायवर्ट कर दिया गया है. पुराने पुल पर यातायात अधिक होने से अलग-अलग मार्गों से होते हुए श्रद्धालुओं को पुराने पुल पर पहुंचाने की योजना बनाई गई है, ताकि यातायात सुगमता से चलता रहे. श्रद्धालु सरलता पूर्वक मंदिर पहुंचकर दर्शन का लाभ ले सकें. यह रहेगी वाहन पार्किंग व्यवस्था इसी तरह पार्किंग के लिए कुबेर वच्छानी, नया बस स्टैंड, प्रसादालय के सामने की जगह, ट्रेचिंग ग्राउंड, इसके साथ ही कॉलोनियों में जहां खुले स्थान हैं, इन जगहों पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
पैदल मार्ग से इस तरह पहुंचेंगे मंदिर एसडीएम चंदर सिंह सोलंकी ने कहा कि पुराने पुल पर यातायात का दबाव बढ़ने से हम रास्तों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. उन रास्तों पर से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. सिंहस्थ के समय बने फूट ब्रिज जो ब्रह्मपुरी पार्किंग और झूला पुल से वैष्णो मंदिर आ जाते हैं, वहां से निर्मोही अखाड़ा होते हुए जेपी चौक पर आ जाते हैं. यहां से श्रद्धालु पुराने पुल से होकर मंदिर की ओर जा सकते हैं. इस पूरे रास्ते को पैदल यात्रियों के लिए तैयार किया जा रहा है. ऐसे ही गजानन आश्रम और ममलेश्वर होते हुए ऊपर ब्रिज चढ़कर श्रद्धालु वैष्णो मंदिर की तरफ आ सकते हैं. वहां से जेपी चौक की ओर जाया जा सकता है. पुराने मार्ग भारत तिराहा से पुराना बस स्टैंड होते हुए जेपी चौक से भी श्रद्धालु दर्शन करने जा सकते हैं. भीड़ को देखते हुए मार्गो को अलग-अलग डिवाइड किया जा सकता है.
इस समय हो सकते हैं दर्शन एसडीएम चंदर सिंह सोलंकी ने बताया कि सभी श्रद्धालु सुबह 3:00 बजे से भगवान भोले के दर्शन कर सकते हैं. यानी सुबह 3:00 बजे मंदिर दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा. सुबह 6:00 बजे तक कम भीड़ में श्रद्धालु भगवान ओंकारेश्वर को जल और बेलपत्र चढ़ा पाएंगे. सुबह 6:00 बजे के बाद मेन द्वार पर जलपात्र रखे जाएंगे, उसी में श्रद्धालु जल चढ़ाएंगे. यह व्यवस्था मंदिर के पट बंद होने तक जारी रहेगी.
इस तरह की रहेगी सुरक्षा व्यवस्था मंदिर में सुरक्षा के लिहाज से लगभग 300 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. 70 से 80 पटवारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. आठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट तैनात किये जाएंगे. नगर परिषद की पूरी टीम भी व्यवस्था पर नजर बनाए रखेगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को लेकर अलग-अलग जगहों पर मेडिकल कैंप भी लगाए जाएंगे. एसडीएम चंदर सिंह सोलंकी ने बताया कि ओंकारेश्वर मंदिर को पूरी तरह फूलों से सजाया जाएगा. सभी मंदिरों को आकर्षक रोशनी से सजाया जाएगा. भगवान भोले को 151 किलो के पेड़े का भोग भी लगाया जाएगा.
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