शिप्रा शुद्धि के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना की CM मोहन यादव ने रखी आधारशिला, 42 महीने में होगी तैयार
कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के 42 महीने में तैयार होने के बाद कान्हा नदी का प्रदूषित जल गंभीर नदी की डाउनस्ट्रीम में छोड़ा जाएगा.
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View In Appसीएम यादव ने कहा कि 600 करोड़ रुपए की लागत से आने वाले समय में सेवरखेड़ी में बैराज निर्मित कर शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी ले जाया जाएगा और वहां से पुन: शिप्रा में छोड़ा जाएगा. इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन के ग्राम डेंडिया स्थित शनि मन्दिर के पास आयोजित 817 करोड़ की लागत से कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना एवं अन्य भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कार्यक्रम में लगभग 598.66 करोड़ की लागत से बनने वाली कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया. इसके अतिरिक्त लगभग 217 करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 हजार करोड़ की लागत से उज्जैन-जावरा फोरलेन व्हाया नागदा का शीघ्र निर्माण पूरा होगा. वहीं उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन का शीघ्र भूमिपूजन किया जाएगा.
सीएम यादव ने बताया कि 16 जून को पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा का शुभारंभ किया जाएगा. जिसके माध्यम से श्रद्धालु कम समय में महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर जैसे तीर्थ स्थानों पर पहुंच सकेंगे. वहीं उज्जैन से पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा के माध्यम से यात्री उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, इन्दौर, सिंगरोली, खजुराहो की हवाई सेवा का लाभ भी ले सकेंगे.
उज्जैन और इन्दौर संभाग सहित प्रदेश के सभी देवस्थानों व सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा. भगवान महाकाल के महालोक का लोकार्पण होने के बाद उज्जैन की दशा बदली है. लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है.
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि उज्जैन में प्रतिमाएं बनाने का कारखाना स्थापित किया जाएगा. यहां बनी प्रतिमाएं प्रदेश और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगी. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही पीतल से भी यहां प्रतिमाएं बनाई जाएगी.
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