Bateshwar Temple History: 300 साल पुराने हैं बटेश्वर के ये प्राचीन मंदिर, जिन्हें डाकुओं ने किया नष्ट, फिर ऐसे बने दोबारा
Bateshwar Temple: भारत में अनेकों प्राचीन शिव मंदिर है, लेकिन एमपी के मुरैना में एक ऐसी जगह है जहां पर एक साथ सैंकड़ों शिव मंदिर है. जो 8वीं शताब्दी की सुंदर नक्केकाशी को दर्शाते हैं. इन सभी मंदिरों की खासियत ये हैं कि इन्हें डाकुओं ने इन्हें नष्ट करके फिर से बनाया था. चलिए बताते हैं आपको इन मंदिरो में जुड़ी कुछ और खास बातें......
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View In Appमध्यप्रदेश में बटेश्वर स्थित ये मंदिर काफी प्राचीन है जिन्हें डाकुओं ने अपना ठिकाना बना लिया था. इसके बाद किसी ने इन मंदिरों की सुध नहीं ली. जिसके वजह से ये खंडहर में तब्दील होते जा रहे थे.
बताया जाता है कि ये मंदिर मुरैना से लगभग 25 किलोमीटर दूर चम्बल के बीहड़ों में ‘बटेश्वर’ में स्थित है. इस जगह पर 8वीं और 10वीं शताब्दी के बीच गुर्जारा-प्रतिहारा वंशों ने दो सौ मंदिरों बनवाए थे. ये मंदिर भगवान शिव और विष्णु को समर्पित है और करीब तीन सौ साल पुराने हैं और तब यहां डाकुओं का आतंक था.
वहीं भारतीय पुरातत्व विभाग की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे मुहम्मद साहब ने इन मंदिरों को देखा और इन्हें फिर से बनाने की ठानी. लेकिन तभी उनके साथ एक घटना घट गई. उन्होंने बताया कि जब मंदिरों को दोबारा बनवाया जा रहा था. तब उन्हें पहाड़ पर बैठा एक व्यक्ति मिला जो बीड़ी पी रहा था.
उसे देखकर साहब को गुस्सा आया उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि ‘तुम्हें पता है कि ये मंदिर है और तुम यहां बैठकर बीड़ी पी रहे हो?’ लेकिन तभी उनके विभाग के एक अधिकारी ने पीछे से आकर उनको पकड़ लिया और बीड़ी पीने वाले व्यक्ति की तरफ इशारा करके बोला ‘अरे! आप इन सर को नहीं जानते हैं, इन्हें पीने दीजिये’.
उसके बाद केके मुहम्मद बहुत जल्द समझ गए कि वो निर्भय सिंह गुर्जर है. जिसका आंतक आसपास के इलाकों में फैला हुआ है. फिर उन्होंने गुर्जर को समझाया कि वो एक वक्त पर उनके ही वंशजों ने इन मंदिरों को बनवाया था और अगर आज इन्हें दोबारा नहीं बनवाया गया तो इनका वजूद मिट जाएगा. इसलिए क्या आप इनके पुनर्निर्माण में हमारी मदद नहीं करेंगे?
केके मुहम्मद की बात सुनकर निर्भय गुर्जर बहुत प्रभावित हो गए और उन्होंने मंदिरों को बनवाने के लिए पूरा सहयोग किया. आज यही मंदिर फेमस टूरिस्ट स्पोर्ट बन चुके हैं. इन्हें देखने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
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